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सात दिन में शुरू होगा ट्रामा सेंटर का निर्माण, एसएनसीयू में बढ़ेंगे 10 बेड

डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में एक सप्ताह के भीतर ट्रामा सेंटर का निर्माण शुरू हो जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 05:00 AM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 05:00 AM (IST)
सात दिन में शुरू होगा ट्रामा सेंटर का निर्माण, एसएनसीयू में बढ़ेंगे 10 बेड

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में एक सप्ताह के भीतर ट्रामा सेंटर शुरू हो जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। निर्माण एजेंसी भी तय हो चुकी है। इसके लिए शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना ने प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया और कहा कि निर्धारित फार्मेसी व अन्य कमरों का सामान दो-तीन दिन के अंदर शिफ्ट कर दिया जाए।

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डॉ. सयाना ने बताया कि ट्रामा सेंटर का प्रोजेक्ट साढ़े सात करोड़ रुपये का है। ट्रामा सेंटर बनने के बाद मरीजों को राहत मिलेगी। इधर-उधर रेफर करने की जरूरत नहीं रहेगी। इसके अलावा सिक नियोनेटल एक्सटेंशन यूनिट (एसएनसीयू) में 10 बेड और बढ़ेंगे। वर्तमान में 22 बेड संचालित हो रहे हैं। बेड बढ़ने से नवजात शिशुओं के इलाज में राहत मिलेगी। यह कार्य भी एक सप्ताह में पूरा हो जाएगा। इसके बाद लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इस दौरान प्रभारी प्राचार्य डॉ. जीएस तितियाल, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण जोशी, डॉ. अजय आर्या, डॉ. शैलेंद्र भंडारी, डॉ. पंकज महेश, सहायक अभियंता पंकज बोरा, जनसंपर्क अधिकारी आलोक उप्रेती आदि शामिल रहे। एसटीएच में मशीनें खराब, खरीद प्रक्रिया में भी खामियां

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना ने शुक्रवार को एसटीएच का औचक निरीक्षण किया। उन्हें एसएनसीयू की दो मशीनें खराब मिलीं तो छोटे उपकरणों की खरीद प्रक्रिया में भी खामियां मिलीं। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई और प्रक्रिया शीघ्र दुरुस्त करने के निर्देश दिए।

चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने इमरजेंसी के औषधि सेंटर में दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता के निर्देश दिए। इसके बाद वह रेडियोलॉजी विभाग पहुंचे और कहा, विभाग में एक और सीटी स्कैन और एक एमआरआइ की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने प्राचार्य को मशीनें लगाने के लिए जगह निर्धारित करने के निर्देश दिए। रेडियोलॉजी विभाग में दो वर्षो से फ्लोरोस्कोपी मशीन खराब है। इस पर निदेशक ने नाराजगी जताई और और कारण जाना तो पता चला कि बहुत ही सामान्य प्रक्रिया यानी लेड शीशा नहीं लगने से मशीन चालू ही नहीं हो पा रही है। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को सात दिन के भीतर लेड शीशा लगाने के साथ ही मशीन चालू करने को कहा। एनआइसीयू पहुंचे तो वहां दो मशीनें खराब मिलीं। कुछ अन्य उपकरण भी ठीक से नहीं चल रहे थे। एक डॉक्टर व कुछ स्टाफ नर्स लंबे समय से अवकाश पर थे। इस तरह की स्थिति पर नाराजगी जताई। उन्होंने प्राचार्य को एनएचएम प्रभारी को अवकाश पर गए कर्मचारियों की जगह नए कर्मचारियों को नियुक्त करने के निर्देश दिए। रेड क्रास की ओर से संचालित रैन बसेरे में गए, वहां से भी तीन शिफ्ट में रखे गए कर्मचारियों के नियमित ड्यूटी से अनुपस्थित रहने की शिकायत मिली। सफाई को लेकर भी चिकित्सा अधीक्षक को व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि अस्पताल में सीसीटीवी की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है। खरीद प्रक्रिया में विभागाध्यक्ष को शामिल करने के निर्देश दिए।

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डॉक्टर दर्ज नहीं करते मरीजों का पूरा विवरण

डॉ. सयाना ने निरीक्षण के दौरान पाया कि इमरजेंसी से लेकर ओपीडी में डॉक्टर मरीजों का पूरा विवरण दर्ज नहंी करते हैं। इस तरह की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने सभी डॉक्टरों से मरीजों का पूरा विवरण लिखने के निर्देश दिए।


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