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हरक सिंह रावत को लेकर कांग्रेस में मतभेद, धारचूला विधायक बोले, जब जरूरत तब भाग गए थे

2016 में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत समेत अन्य विधायकों के साथ छोडऩे पर हरीश रावत सरकार अल्पमत में आ गई थी। जिसके बाद राष्ट्रपति शासन भी लगा। हालांकि बाद में सरकार बहाल हो गई थी। वहीं मंत्री हरक सिंह रावत को भाजपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 10:40 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 10:40 PM (IST)
हरक सिंह रावत को लेकर कांग्रेस में मतभेद, धारचूला विधायक बोले, जब जरूरत तब भाग गए थे
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, धारचूला विधायक हरीश धामी विरोध में अड़े हैं।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: भाजपा से निष्कासित पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी को लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, धारचूला विधायक हरीश धामी विरोध में अड़े हैं। जबकि उपनेता प्रतिपक्ष और रानीखेत विधायक करन सिंह माहरा का रुख थोड़ा नरम है। माहरा का कहना है कि पूर्व सीएम हरीश रावत की शर्त थी कि हरक सिंह रावत 2016 की घटना को लेकर माफी मांगें। इंटरनेट पर वायरल कई वीडियो में हरक माफी मांगते नजर आ रहे हैं। अगर उनका आना पार्टी के लिए हितकर हो तो हाईकमान को विचार करना चाहिए।

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2016 में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत समेत अन्य विधायकों के साथ छोडऩे पर हरीश रावत सरकार अल्पमत में आ गई थी। जिसके बाद राष्ट्रपति शासन भी लगा। हालांकि, बाद में सरकार बहाल हो गई थी। वहीं, हाल में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को भाजपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया। जिसके बाद से वह कांगे्रस में वापसी के प्रयासों में जुटे हैं। फिलहाल मामला अटका हुआ है।

क्या बोले पार्टी के नेता

- हाईकमान का निर्णय मान्य होगा, लेकिन 2016 में इन लोगों ने दलबदल कानून की परवाह न कर चुनी हुई सरकार को गिराया था। नियम की वजह से इनकी सदस्यता गई। ऐसे लोगों के लिए लोकतंत्र में चुनाव लडऩे का अधिकार खत्म होना चाहिए। तभी राजनीति में शुद्धता आएगी। वरना आगे भी दल-बदल जैसी घटनाएं होती रहेगी।  

गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व स्पीकर व विधायक

- हरक सिंह रावत अब कांगेे्रस को जीताने का वचन दे रहे हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत की शर्त थी कि वह माफी मांगें। जिसके लिए वह तैयार हैं। माफी से जुड़े कई वीडियो वायरल भी हो रहे हैं। हरक सिंह रावत अनुभवी नेता हैं। चुनाव युद्ध की तरह होता है। अगर कांग्रेस को हित लगे तो हाईकमान विचार कर सकता है। 

करन माहरा, उपनेता प्रतिपक्ष कांग्रेस

-  हरक सिंह रावत जैसों की वजह से एक छोटे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा। इनके काम माफी लायक नहीं हैं। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को मामले का संज्ञान लेना चाहिए। हरक की वापसी के सभी रास्ते बंद किए जाएं। वरना दिन-रात झंडा उठाने वाले कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरेगा। ध्यान रहे कि जरूरत के वक्त यह लोग भागे थे।

हरीश धामी, विधायक धारचूला


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