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खाने में बरतेंगे संयम तो नहीं होगा डायरिया

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : आपाधापी भरी जीवनशैली में लोगों के खानपान का तरीका ही बदल गया है। बासी भ

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 07:21 PM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 07:21 PM (IST)
खाने में बरतेंगे संयम तो नहीं होगा डायरिया
खाने में बरतेंगे संयम तो नहीं होगा डायरिया

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : आपाधापी भरी जीवनशैली में लोगों के खानपान का तरीका ही बदल गया है। बासी भोजन या फिर बाजार में रखे खुले खाद्य पदार्थो के सेवन से डायरिया होने का खतरा सबसे अधिक रहता है। बड़ों की अपेक्षा यह खतरा बच्चों में कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए गर्मी के इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। अगर बच्चों को दिक्कत अधिक हो तो तुरंत अस्पताल ले जाएं। बच्चों के मामले में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। यह सलाह रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर में राजकीय मेडिकल कॉलेज के डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय कीबाल रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रितु रखोलिया ने दी। वह रविवार को दैनिक जागरण कार्यालय में कुमाऊं भर के सुधी पाठकों को फोन से परामर्श दे रही थीं।

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डायरिया रोग के मुख्य कारण

अधिकांश बच्चे बाजार से मोमोज, बर्गर, पिज्जा आदि चीजों को ज्यादा खाते हैं। अक्सर यह भोजन सुपाच्य नहीं होता है। इसके चलते गर्मियों में डायरिया होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा खुले में रखे खाद्य पदार्थ, बासी भोजन, दूषित पानी, बार-बार मिट्टी आदि खाने से बच्चों में डायरिया हो जाता है।

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डिहाइड्रेशन डायरिया की खतरनाक स्थिति

डायरिया के शुरुआती लक्षणों में बच्चा चिड़चिड़ा होने के साथ ही पानी मांगकर पीता है, लेकिन जब दिक्कत बढ़ जाती है तो बच्चा सुस्त पड़ जाता है। पानी भी नहीं पी पाता है। पेशाब बंद हो जाती है। डायरिया में डिहाइड्रेशन की स्थिति खतरनाक होती है।

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बीमारी होने पर नियमित ओआरएस पिलाएं

डायरिया में ओआरएस का घोल नियमित देने के साथ ही जिंक व शिकंजी पिलाएं। ओआरएस का एक पैकेट एक लीटर पानी में घोल कर दें। जितनी बार बच्चा दस्त करता है, उतनी बार उसे आधा व एक कप घोलकर पिलाएं। यदि बच्चे की उम्र पांच साल से अधिक है तो तीन चौथाई गिलास ओआरएस का घोल पिलाएं। तरल पदार्थो को पिलाते रहें।

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इन बातों का रखें ध्यान

- खाने से पहले हाथ धोएं

- उबले हुए पानी का प्रयोग करें

- खुले में रखे खाद्य पदार्थ न खाएं

- बासी भोजन का सेवन न करें

- तली-भुनी चीजों का सेवन न करें

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ये हैं बीमारी के लक्षण

- पेट में दर्द

- ऐंठन होना

- बुखार आना

- लगातार उल्टी होना

- बार-बार दस्त आना


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