Mahashivratri 2021 : धनिष्ठा नक्षत्र में मनेगा पर्व, चंद्र व बुध का होगा राशि परिवर्तन
Mahashivratri 2021 शिव आराधना के पर्व महाशिवरात्रि को एक दिन शेष है। 11 मार्च को महाशिवरात्रि है। इस दिन शिवलिंग के दर्शन और पूजा करने का विशेष महत्व है। ऐसा करने से मन शांत होता है। इस बार शिवरात्रि पर श्रीवत्स नाम का शुभ योग बन रहा है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : Mahashivratri 2021 : शिव आराधना के पर्व महाशिवरात्रि को एक दिन शेष है। 11 मार्च को महाशिवरात्रि है। इस दिन शिवलिंग के दर्शन और पूजा करने का विशेष महत्व है। ऐसा करने से मन शांत होता है। इस बार शिवरात्रि पर श्रीवत्स नाम का शुभ योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक गुरुवार को धनिष्ठा नक्षत्र होने से श्रीवत्स योग बनेगा। शिवरात्रि पर चंद्र और बुध राशि परिर्वतन भी करने जा रहे हैं।
इस योग में शिव पूजा करने से मन की अशांति खत्म होती है। नकारात्मक विचार दूर होकर जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। ज्योतिषाचार्य डा. गोपाल दत्त त्रिपाठी के मुताबिक 11 मार्च को चंद्र मकर से कुंभ में प्रवेश करेगा। इसके बाद बुध ग्रह भी मकर से कुंभ में आ जाएगा। इस वजह से कुंभ राशि में बुध और चंद्र दोनों का योग बनेगा। बुध ग्रह बुद्धि का और चंद्र मन का कारक है। शिवरात्रि पर शिव पूजा करने से बुद्धि और मन दोनों नियंत्रित रहते हैं।
शिवरात्रि पर ऐसे करें पूजन
भगवान शिव जल अर्पित करने मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं। शिवजी की सामान्य पूजा में शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। चांदी के लोटे से दूध चढ़ाएं। हार-फूल, चंदन, जनेऊ, सफेद वस्त्र चढ़ाना चाहिए। अलग-अलग अनाज और फूल भी शिवलिंग पर चढ़ाएं। पूजा में ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। अक्षत जरूर अर्पित करें। काले तिल, खड़े मूंग, जौ, गेहूं, कमल के फूल, सफेद कमल भी चढ़ाएं। बिल्वपत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल चढ़ाना न भूलें। भगवान को मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा में हुई जानी-अनजानी भूलों के लिए भगवान से क्षमा मांगें। पूजा के बाद प्रसाद अन्य भक्तों को बाटें और स्वयं भी ग्रहण करें।
शिवरात्रि से जुड़ी मान्यता
पंडित नवीन चंद्र जोशी के अनुसार प्राचीन समय में इसी तिथि पर शिवजी और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। इसी वजह से इस दिन शिवजी के साथ ही देवी पार्वती की भी विशेष पूजा जरूर करनी चाहिए। भक्तों को दिनभर व्रत रखकर भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए।
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