डीजीपी अशोक कुमार ने फेसबुक पोस्ट से मातहतों को दी नसीहत... डीजीपी को अपना भाई बताने वालों से दूर रहें
डीजीपी अशोक कुमार ने फेसबुक पोस्ट के जरिये पुलिसकर्मियों को सलाह और सावधानी बरतने को कहा है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि कोई आपसे यह भी कह सकता है कि डीजीपी तो हमारे भाई हैं मेरे गांव के हैं।
गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : डीजीपी अशोक कुमार ने फेसबुक पोस्ट के जरिये पुलिसकर्मियों को सलाह और सावधानी बरतने को कहा है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि कोई आपसे यह भी कह सकता है कि डीजीपी तो हमारे भाई हैं, मेरे गांव के हैं। या फिर उनका हमारा वहां आना-जाना लगा रहता है समझिए कि रोज उठते-बैठते हैं। मगर ऐसे लोगों से पूरी तरह सतर्क रहे। सामान्यत ऐसी बात कहने वाले लोग पुलिस को प्रभाव में लेने की कोशिश करते हैं। हो सकता है कि अनुचित लाभ लेने या फिर अवैध काम कराने के लिए वह इस तरह का प्रयास कर रहा हो। इसलिए इन लोगों से शालीनता से कह दें कि किसी भी हाल में गलत काम नहीं होगा।
उत्तराखंड पुलिस महकमे के मुखिया अशोक कुमार की छवि एक कड़क निर्णय लेने के साथ एक मिलनसार अफसर की भी है। फरियादाओं को वह बेहद गंभीरता से लेते हैं। इसलिए एक आदमी भी उनके दफ्तर पहुंच अपनी पीड़ा रखता है तो वह तुरंत एक्शन लेते हैं। हालांकि, कई ऐसे लोग भी है जो कि कथित तौर पर खुद को डीजीपी का करीबी बताकर पुलिसकर्मियों को प्रभाव लेने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में डीजीपी ने अपने फेसबुक पेज व उत्तराखंड पुलिस पेज के जरिये स्पष्ट कह दिया कि इन लोगों के बहकावे में न आए। लिखा कि प्रदेश में न तो कोई मेरा भाई है, न कोई मेरा ख़ास है, और न ही यहां कोई मेरा रिश्तेदार है। मेरे सबसे नजदीक मेरे पुलिस वाले ही हैं। इसलिए कोई ऐसा बोले तो बोलिये कि ठीक है, हमारे डीजीपी हमारे भी हैं। किसी भी तरह के दबाव में आकर कोई गलत काम न करें।
डीजीपी ने चेताया भी
फेसबुक पोस्ट के जरिये डीजीपी अशोक कुमार ने पुलिसकर्मियों को चेताया भी। कहा कि भरोसा करने की वजह से लोग जनहित से जुड़े मामलों की सभी सूचनाएं मुझे देते हैं। जिनपर मैं पूरी निष्ठा से काम करता हूं। इसलिए थाने-चौकी में तैनात पुलिसकर्मी भी लोगों की हर बात को गंभीरता से सुनने के बाद कानून के दायरे में रहकर मदद भी करें।