डीएफओ तराई पूर्वी ने वनकर्मियों के लिए की आइसोलेशन रूम और एंबुलेंस की व्यवस्था
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए वन विभाग ने भी अपने स्टाफ की सुरक्षा को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। वेस्टर्न सर्किल में डीएफओ तराई पूर्वी संदीप कुमार ने आइसोलेशन रूम व एंबुलेंस की व्यवस्था की है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए वन विभाग ने भी अपने स्टाफ की सुरक्षा को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। वेस्टर्न सर्किल में डीएफओ तराई पूर्वी संदीप कुमार ने आइसोलेशन रूम व एंबुलेंस की व्यवस्था की है। इसके अलावा पूरी डिवीजन में कोरोना किट का वितरण भी कर दिया।
डिवीजन में 24 घंटे खड़ी रहेगह एंबुलेंस
कोरोना के मामलों में भले अब कमी आई हो। लेकिन पुलिस, स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य महकमों के फ्रंटलाइन स्टाफ भी तेजी से इसकी चपेट में आए। बड़ी संख्या में वन विभाग के कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित हुई। हीरानगर स्थित फॉरेस्ट दफ्तर के आठ कर्मचारी भी एक के बाद एक बीमारी की चपेट में आए थे। जिसके बाद डीएफओ संदीप कुमार ने रेंज परिसर के तीन कमरों को खाली करा वहां तीन बेडों की व्यवस्था कर आइसोलेशन रूम बना दिया।
रिपोर्ट आने तक आइसोलेट रहेगा कर्मचारी
डीएफओ के मुताबिक अगर कोई वनकर्मी किसी संक्रमित के संपर्क में आता है तो सैंपलिंग के बाद रिपोर्ट आने तक खुद को यहां आइसोलेट कर सकता है। इसके अलावा बगैर लक्षण वाला संक्रमित भी यहां रह सकता है। वहीं, डिवीजन में 24 घंटे एक एंबुलेंस भी खड़ी करवाई गई। ताकि अचानक तबीयत बिगडऩे पर अस्पताल पहुंचाया जा सके। डीएफओ संदीप के मुताबिक एंबुलेंस के खाली होने पर आम लोगों को भी इसका लाभ दिया जाएगा।
400 लोगों को मिली किट
तराई पूर्वी डिवीजन को उत्तराखंड की सबसे बड़ी डिवीजन कहा जाता है। 400 वनकर्मियों को कोरोना मेडिकल किट के अलावा, मास्क, सैनिटाइज व कुछ पीपीई किट भी दी गई है।
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