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संस्कृत के संरक्षण को संस्थानों ने नहीं दिखाई रुचि

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : द्वितीय राजभाषा संस्कृत का गौरव बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने सरकार

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Oct 2017 08:24 PM (IST)Updated: Tue, 31 Oct 2017 08:24 PM (IST)
संस्कृत के संरक्षण को संस्थानों ने नहीं दिखाई रुचि
संस्कृत के संरक्षण को संस्थानों ने नहीं दिखाई रुचि

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : द्वितीय राजभाषा संस्कृत का गौरव बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने सरकारी संस्थानों के नाम संस्कृत में लिखने के निर्देश दिए थे। आदेश हुए दो माह बीतने के बाद भी स्कूलों ने इस दिशा में पहल नहीं की है।

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देवभूमि उत्तराखंड में देवभाषा संस्कृत का गौरव बढ़ सके इसके लिए सरकारी कार्यालय, स्कूल, संस्थान आदि का नाम ¨हदी के साथ संस्कृत में भी खिलने की बात हुई थी। बाकायदा इसके लिए शासन स्तर से आदेश भी जारी हुआ। दो माह बीतने के बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। इससे संस्कृत भाषा के जानकारों में नाराजगी है। श्री महादेव गिरी संस्कृत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के नेतृत्व में संस्कृत के विद्वानों से भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट से मिलकर सीएम के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। डॉ. जोशी ने काह कि संस्कृत का गौरव बढ़े, इसके लिए सरकारी संस्थानों के साथ पार्क, सार्वजनिक स्थल, चौराहा, सड़क, मुख्य मार्ग आदि का नाम संस्कृत में लिखा जाना चाहिए। इससे बाहर से आने वाले पर्यटकों को वास्तविक देवभूमि का एहसास होगा। साथ ही संस्कृत के प्रचार-प्रसार में मदद मिलेगी। जल्द ही इस विषय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात भी की जाएगी।


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