महाशिवरात्रि पर छोटा कैलाश में पूरी रात श्रद्धालुओं ने लगाया ध्यान, रातभर चला भजन-कीर्तन
संतान हीन दंपती व्यवसाय में लाभ व अन्य परेशानियों से मुक्ति के लिए हर साल श्रद्धालु छोटा कैलाश पर्वत पर महाशिरात्रि पर तपस्या करने के लिए पहुंचते हैं और ध्यान लगाते हैं। मान्यता है कि यहां तपस्या करने से सभी मनोकामानाएं पूरी हो जाती हैं।
भीमताल, जागरण संवाददाता : भीमताल स्थित छोटा कैलाश में गुरुवार की रात श्रद्धालुओं ने तपस्या की। मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि की रात यहां तपस्या करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। संतान हीन दंपती, व्यवसाय में लाभ व अन्य परेशानियों से मुक्ति के लिए हर साल श्रद्धालु छोटा कैलाश पर्वत पर महाशिरात्रि पर तपस्या करने के लिए पहुंचते हैं और ध्यान लगाते हैं। मान्यता है कि यहां तपस्या करने से सभी मनोकामानाएं पूरी हो जाती हैं।
तपस्या के दौरान मंदिर में एक दीया जलाया जाता है जिसे श्रद्धालु निरंतर देखता है। इस दौरान वह किसी भी मुद्रा में बैठ सकता है। तपस्या से वह कोई और काम नहीं कर सकता। यदि बीच में कोई व्यवधान उत्पन्न होता है तो माना जाता है कि तपस्या भंग हो जाएगी। इसलिए लोग तपस्या करते समय अपने साथ सेवक भी रखते हैं, ताकि जो भी कार्य करना हो वह सेवक करे। तपस्या में पति-पत्नी या फिर अकेला व्यक्ति भी बैठ सकता है। इस दौरान रात में ही वहां पर हवन भी किया जाता है और रात्रि पर भजन-कीर्तन चलता रहता है।
गुरुवार की रात छोटा कैलाश में करीब 100 लोगों ने तपस्या की। मंदिर समिति द्वारा रात में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। कई श्रद्धालुओं ने एक पैर पर खड़े होकर ध्यान लगाया तो कइयों ने शिव नाम का रात भर अनुसरण कर तपस्या की। मंदिर समिति के अनुसार आज छोटा कैलाश में विशाल भंडारे का आयोजन होना है। इधर मंदिर समिति के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों ने प्रशासनिक अधिकारियों का सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
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