चम्पावत में एससी गांवों के लिए मिले एक करोड़ लोग, मुख्य धारा में शामिल होंगे वंचित लोग
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाई) के तहत चयनित पांच गांवों को बुनियादी सुविधाओं से जोडऩे के लिए भारत सरकार से एक करोड़ मिले हैं। गांवों में सुविधाएं दिए जाने के बाद इन गावों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम घोषित किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, चम्पावत : विकास से अछूते अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों को अब समाज कल्याण विभाग संवारने का काम कर रहा हे। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाई) के तहत चयनित पांच गांवों को बुनियादी सुविधाओं से जोडऩे के लिए भारत सरकार से एक करोड़ मिले हैं। गांवों में सुविधाएं दिए जाने के बाद इन गावों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम घोषित किया जाएगा। जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन के बाद ब्लॉक द्वारा प्रत्येक गांवों में निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत एससी बाहुल्य गांवों को विकास से जोडऩे के लिए शुरू की गई इस योजना में 50 प्रतिशत से अधिक एससी आबादी वाले गांव शामिल किए गए हैं। साथ ही 2011 की जनगणना के आधार पर ऐसे गांवों की कुल आबादी 500 या उससे अधिक होनी चाहिए। योजना में चयनित हर गांव को भारत सरकार 20-20 लाख रुपये देने थे। चंपावत जिले में बाराकोट ब्लाक को छोड़ शेष तीन ब्लाकों के पांच गांवों का चयन किया गया है।
बुनियादी विकास के जरिए इन गांवों के वित्तीय समावेशन के लिए कार्ययोजना तैयार कर दी गई है। समाज कल्याण विभाग ने आवश्यकतापरक मूल्यांकन कर अवसंरचना विकास के लिए ग्राम स्तरीय सर्वेक्षण कर वेब पोर्टल पर अंतरिम वीडीपी जनरेट कर दिया है। जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन के बाद पांचों चयनित गांव के लिए सरकार से एक करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। प्रत्येक गांव को 20-20 लाख रुपये दिए गए हैं। इस बजट से गांव में अवस्थापना संबंधी कार्य किए जा रहे हैं। ब्लॉक को कार्यदायी संस्था बनाया गया है।
यह गांव किए गए शामिल व उनकी आबादी प्रतिशत में
1. चंपावत ब्लाक : नरसिंह डांडा (100), फागपुर (68.50)।
2. पाटी ब्लाक : मौनकांडा (61.40)।
3. लोहाघाट ब्लाक : बंडा तिवारी (51.80), मडुवा (50.30)।
मिलेंगी ये सुविधाएं
पेयजल-स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य-पोषण, सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सडक़ें-आवास, बिजली-स्वच्छ ईंधन, कृषि पद्धतियां, वित्तीय अंतर्वेशन, डिजिटलीकरण और जीवनयापन-कौशल विकास।
कृषि और शिक्षा विभाग भी कर रहा आदर्श पहल
समाज कल्याण विभाग से पूर्व कृषि और शिक्षा विभाग के जरिए भी कई गांवों और स्कूलों को आदर्श बनाने की कवायद की गई है। कृषि विभाग इन चार ग्राम समूहों को नगदी फसल वाली खेती, बागवानी, दूध आदि का उत्पादन कर आय बढ़ाएगा। वहीं शिक्षा विभाग ने जिले में आठ स्कूलों को आदर्श दर्जा देकर अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई, स्मार्ट कक्षाएं, पर्याप्त शिक्षक और स्टाफ, फर्नीच और अन्य सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी आरएस सामंत ने बताया कि पीएमएजीवाई के तहत चयनित पांचों गांवों के लिए भारत सरकार से एक करोड़ रुपये मिले हैं। इसमें प्रत्येक गांव को 20-20 लाख रुपये मिले हैं। इस राशि का उपयोग गांवों के विकास और बुनियादी जरूरतों के लिए किया जा रहा है।