बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को देख बिफरे, प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री के नाम भेजा ज्ञापन
रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय में बंद पड़े प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र को सुचारू करने एवं फार्मासिस्ट व कर्मचारियों की बहाली की मांंग को लेकर विभिन्न सामाजिक व राजनैतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने जनऔषधि केंद्र के बाहर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
रामनगर, जेएनएन : रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय में बंद पड़े प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र को सुचारू करने एवं फार्मासिस्ट व कर्मचारियों की बहाली की मांंग को लेकर विभिन्न सामाजिक व राजनैतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने जनऔषधि केंद्र के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. मणिभूषण पंत के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। इस दौरान आयोजित सभा में राज्य आदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने कहा कि निर्धन व मध्यम वर्ग के लोगों को सस्ती दरों पर दवाइया उपलब्ध कराने की महत्वाकाक्षी योजना सिर्फ जुमला बनकर रह गई है।
आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार हो या राज्य की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार उनके एजेंडे में आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना प्राथमिकता में नही है। पहले कोरोनाकाल में रामनगर के सरकारी अस्पताल को पीपीपी मोड पर दे दिया गया और उसके बाद प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत खोले गए जन औषधि केंद्र को बंद कर दिया गया है । वक्ताओं ने कहा कोरोना काल में जिन लोगों ने अपनी अमूल्य सेवाएं दी और उनके लिए प्रधानमंत्री ने ताली-थाली बजवाई, लेकिन आज उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। इंकलाबी मजदूर केंद्र के पंकज ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का निजीकरण करना गरीब जनता के साथ धोखा है। बाद में मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, महानिदेशक स्वास्थ्य एवं आयुक्त व जिलाधिकारी नैनीताल को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया। इस दौरान मनमोहन अग्रवाल, पीसी जोशी ,शीला शर्मा, जीएस बिष्ट, इंद्र सिंह मनराल, नवीन नैथानी, पान सिंह नेगी, बागंबर सिंह सजवाण, लक्ष्मी बिष्ट, देवेंद्र सिंह सेठी, ज्योति रावत, शाहिद, पंकज आदि मौजूद रहे।