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एक साल में डेढ़ गुना बढ़ी इम्युनिटी बढ़ाने वाले पौधों की मांग, गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा व शतावर की भारी डिमांड

घरों में इम्युनिटी बढ़ाने वाले पौधे लगाने का चलन बढ़ गया है। इनमें तुलसी गिलोय एलोवेरा अश्वगंधा नीम शतावर हल्दी अदरक कढ़ी पत्ता जैसे औषधीय गुणों वाले पौधे शामिल हैं। नर्सरी के संचालक अनिल कुमार मौर्य ने बताया कि इम्युनिटी बढ़ाने वाले पौधों की मांग 50 प्रतिशत तक बढ़ी है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 01:37 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 08:40 AM (IST)
एक साल में डेढ़ गुना बढ़ी इम्युनिटी बढ़ाने वाले पौधों की मांग, गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा व शतावर की भारी डिमांड
डा. विनय खुल्लर बताते हैं कि आयुर्वेद में हल्दी, अश्वगंधा, शतावरी को भी सेहत के लिए फायदेमंद बताया गया है।

गणेश पांडे, हल्द्वानी। कोरोना महामारी के चलते घरों में इम्युनिटी बढ़ाने वाले पौधे लगाने का चलन बढ़ गया है। इनमें तुलसी, गिलोय, एलोवेरा, अश्वगंधा, नीम, शतावर, हल्दी, अदरक, कढ़ी पत्ता जैसे औषधीय गुणों वाले पौधे शामिल हैं। धान मिल रोड डहरिया स्थित अनिल नर्सरी के संचालक अनिल कुमार मौर्य ने बताया कि बीते एक वर्ष में इम्युनिटी बढ़ाने वाले पौधों की मांग 50 प्रतिशत तक बढ़ी है।

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मांग बढ़ने से नर्सरी में पौधों की शाॅर्टेज होने लगी है। दस साल ने नर्सरी का काम करने वाले अनिल ने बताया कि वह गजरौला ने प्लांट मंगाते हैं। मांग बढ़ने से आपूर्ति करने में एक सप्ताह का समय लग रहा है। अनिल ने बताया कि हल्द्वानी में लेबर काफी महंगी है। हल्द्वानी में 400 रुपये में मजदूर मिलता है जबकि गजरौला में 200 रुपये में मजदूर उपलब्ध हैं। किराये की जमीन भी गजरौला में हल्द्वानी से एक चैथाई दाम में उपलब्ध है। अनिल नैनीताल जिले के अलावा रुद्रपुर, काशीपुर, अल्मोड़ा, बागेश्वर तक पौधों की सप्लाई करते हैं।

पौधों में छिपे हैं बड़े गुण

गिलोय: बुखार, वात-पित्त व कफ दूर करने के लिए उपयोग में लिया जाता है। शरीर के हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करता है।

तुलसी: इसके पत्ते व बीज सर्दी-खांसी व बुखार दूर करने के साथ इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार हैं।

अदरक: इसे एंटीबैक्टीरियल एंटी ऑक्सीडेंट गुणों वाला माना जाता है। पाचन शक्ति व श्वांस रोगों के लिए लाभकारक।

पुदीना: इसका रस कब्ज और पेट संबंधी रोग दूर करता है।

आयुर्वेद में भी इन पौधों का महत्व

आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. विनय खुल्लर बताते हैं कि आयुर्वेद में हल्दी, कढ़ी पत्ता, अश्वगंधा, शतावरी को भी सेहत के लिए फायदेमंद बताया गया है। हल्दी एंटी सेप्टिक होती है। दूध के साथ हल्दी का सेवन करने से सर्दी संबंधी रोग, जोड़ों का दर्द दूर होता है। विटामिन से भरपूर एलोवेरा प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ाता है।

कढ़ी पत्ता केलोस्ट्राल कम करने के साथ शरीर में विषाक्त पदार्थों को हानि पहुंचाने से रोकता है। पत्थर चट्टा किडनी से जुड़े रोगों को दूर करता है। अश्वगंधा में मौजूद ऑक्सीडेंट इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करता है। शतावरी पाचन तंत्र की बीमारियों, गले के संक्रमण आदि में फायदा पहुंचाता है।

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