बिना इनर लाइन परमिट के ही दिल्ली निवासी युवक पहुंच गया गब्र्यांग, कालापानी जाते समय आइटीबीपी ने हिरासत में लिया
इनर लाइन परमिट चैक पोस्ट आइटीबीपी गब्र्यांग में तैनात कार्मिकों ने चेकिंग की तो इस दौरान वाहन में एक संदिग्ध व्यक्ति बिना इनर लाइन परमिट के मिला। आइटीबीपी जवानों की पूछताछ में उसने अपना नाम विपिन पुत्र अजीत सिंह निवासी द्वारिका साउथ दिल्ली बताया।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : बिना इनर लाइन परमिट लिए ही कालापानी जा रहे द्वारिका दिल्ली निवासी युवक को उच्च हिमालय स्थित गब्र्यांग में आइटीबीपी ने हिरासत में लिया है। सोमवार को एक बोलेरो वाहन धारचूला से सवारियों को लेकर गुुंजी जा रहा था। इनर लाइन परमिट चैक पोस्ट आइटीबीपी गब्र्यांग में तैनात कार्मिकों ने चेकिंग की तो इस दौरान वाहन में एक संदिग्ध व्यक्ति बिना इनर लाइन परमिट के मिला। आइटीबीपी जवानों की पूछताछ में उसने अपना नाम विपिन पुत्र अजीत सिंह निवासी द्वारिका साउथ दिल्ली बताया।
पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसने तीन माह पूर्व बिहार के दरभंगा जिले की नेपाल से लगी सीमा से जनकपुर में प्रवेश किया था। तीन माह नेपाल में भ्रमण करने के बाद 14 मार्च की सुबह आठ बजे वह नेपाल के दार्चुला से पिथौरागढ़ के धारचूला में प्रवेश किया। भारत में प्रवेश करने के बाद वह सवारी वाहन से कालापानी को जा रहा था। उसके पास से लैपटाप, राइटिंग टैबलेट, नेपाल का नक्शा, आधार कार्ड, वोटर कार्ड बरामद हुआ है।
युवक के हिरासत में लेते ही आइटीबीपी, एसएसबी, आइबी ,एमआइ व पुलिस ने पूछताछ की। युवक विपिन ने बताया कि वह शोध कार्य के चलते नेपाल व सीमा क्षेत्र में आया। उसके अनुसार उसे सीमा क्षेत्र में प्रवेश के लिए इनर लाइन की बाध्यता होने की जानकारी नही थी। पूछताछ करने वाली टीमों के अनुसार उसके पास किसी तरह की आपत्तिजनक सामग्री नहीं पाई गई है। मंगलवार को युवक को पांगला लाकर पांगला थाने की पुलिस को सौंप दिया गया है। जहां से अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।
क्या है इनर लाइन
चीन सीमा से लगे क्षेत्र विशेष को इनर लाइन कहा जाता है। इस इनर लाइन क्षेत्र में स्थानीय ग्रामीणों को छोड़ कर अन्य सभी को मजिस्ट्रेट की अनुमति पर ही प्रवेश दिया जाता है। इस क्षेत्र में जाने के लिए एसडीएम धारचूला से इनर लाइन परमिट लेना होता है। बिना परमिट के इनर लाइन क्षेत्र में प्रवेश गैर कानूनी है। प्रवेश करने वाले को हिरासत में लिया जाता है। चीन सीमा से लगे उच्च हिमालयी व्यास घाटी में छियालेख, दारमा घाटी में तिदांग और जोहार घाटी में मिलम इनर लाइन है। पूर्व में यह इनर लाइन जौलजीबी में थी। स्थानीय जनता इनर लाइन को फिर से जौलजीबी लाए जाने की मांग कर रही है।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें