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दिल्ली को पसंद आ रही पहाड़ की आबोहवा, वर्क फ्राम होम के लिए बना चुनिंदा डेस्टिनेशन

पहाड़ों पर रहकर तन के साथ मन को भी लोग स्वस्थ्य करने के लिए वेलनेस सेंटर का रूख कर रहे हैं। वर्क फ्रॉम होम करने वालों को ऐसा डेस्टिनेशन दिया है जहां प्रकृति के बीच रहकर वह अपने को बेहतर बना सकते हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 06:21 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 06:21 PM (IST)
दिल्ली को पसंद आ रही पहाड़ की आबोहवा, वर्क फ्राम होम के लिए बना चुनिंदा डेस्टिनेशन
दिल्ली एनसीआर में बढ़त प्रदूषण ने उत्तराखंड को अपनी आबोहवा भुनाने का अच्छा मौका दे दिया है!

जागरण संवाददाता, काशीपुर (ऊधमसिंह नगर) :  उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य और आबोहवा हमेशा ही पर्यटकों को आकर्षित करती रही है।  लॉक डाउन के बाद पहाड़ ने नई संभावनाओं को जन्म भी दिया है। पहाड़ में रहकर के लिए अपने कंपनी के लिए काम करना किसी सपने से कम नहीं हैं। कोरोना काल में यह भी संभव हो पा रहा है। वहीं दिल्ली व एनसीआर में प्रदूषण की समस्या और इससे होने वाले दुष्प्रभाव किसी छिपा नहीं हैं। ऐसे में पहाड़ों पर रहकर तन के साथ मन को भी लोग स्वस्थ्य करने के लिए वेलनेस सेंटर का रूख कर रहे हैं। वर्क फ्रॉम होम करने वालों को ऐसा डेस्टिनेशन दिया है जहां प्रकृति के बीच रहकर वह अपने को बेहतर बना सकते हैं।

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दिल्ली एनसीआर में बढ़त प्रदूषण ने उत्तराखंड को अपनी आबोहवा भुनाने का अच्छा मौका दे दिया है! राज्य के बढ़ते वेलनेस सेक्टर और पर्यटन क्षेत्र में नई बेहतरी की उम्मीद जगी है, मेट्रों सिटी से पहाड़ आकर लोग सुकून के पल गुजारना चाहते हैं। वहां प्रदूषण लेबल जानलेवा होता जा रहा है। ऐसे इन शहरों से सबसे कम सबसे में नजदीक पहाड़ आनंद उत्तराखंड में ही मिल सका है। दिल्ली के नामी गिनामी आइटी बेस्ट कंपनियां अपने कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम के जरिये कर्मचारियों से काम लें रही है। पिछले दो माह में रामनगर, नैनीताल और भीमताल में ऐसे वर्क फ्रॉम काम करने वाले लोगाें आमद हुई है।

 संभावनाओं ने दिया जन्म तो चुनौतिया भी नहीं कम

दिल्ली एनसीआर क्षेत्रों से पहाड़ो के लिए रुख करने वाले को सबसे बड़ी चिंता मोबाइल नेटवर्क की सता रही है। रामनगर से अल्मोडा रोड पर एक रिजार्ट चलाने वाले ऋृषि बताते हैं कि यहा आने वाले पर्यटकों और होम स्टे करने वालो के सामने सबसे बड़ी चुनौती इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर है, जिसमें मोबाइल नेटवर्क समस्या सबसे बड़ी है। आज हर आदमी अपना ऑफिस अपने लॅपटाॅप में कैरी कर सकता है। राममनगर में एक रिसार्ट संचालक केपी सिंह का कहना है कि दिल्ली से उत्तराखंड के सड़क मार्ग को और बेहतर बनाने पर जोर दिए जाने की भी जरूरत है।

किराए के रूम की भी बढ़ी मांग

हाल में रामनगर क्षेत्र में किराए की रूम की मांग तेजी से बढ़ी है काशीपुर में प्रापर्टी का काम देखने वाले एक डीलर का कहना है कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के लोग किराए के रूम और फ्लैट के लिए संपर्क कर चुके हैं इन लोगों को होटल और रिसार्ट को तरजीह न देकर रामनगर, भीमताल, भवाली आदि क्षेत्रों में किराए के मकान और रूम की तलाश है। संदीप का कहना है कि अभी हाल में एक कंपनी के बड़े अधिकारी को उन्होंने एक सिंगल रूम उपलब्ध कराया जो अपनी कंपनी के लिए एक प्रोजेक्ट पर काम करे हैं। 

शादियों और सेलिब्रेशन का भी जमकर हो रहा आयोजन 

कोविड काल में निर्धारित संख्या के चलते लोग कुमाऊं से शादियां और अन्य सेलीब्रेशन पार्टियों का आयोजन कर रहे हैं। प्रकृति की गोद में बसे कुमाऊं में डेस्टिनेशन वेडिंग को लेकर रिजार्ट संचालकों द्वारा कई प्रकार के ऑफर भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण और जाम की समस्या से दूर कुमाऊं में ऐसे आयोजन यादगार बन रहे हैं वहीं स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं। इन रिजार्ट में पिछले दिनों शादियों के अवसर पर यह दो टाइमों की बुकिंग तक हुई है।


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