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दीपिका पादुकोण व रणवीर सिंह शादी की सालगिरह मनाने पहुँचे अल्मोड़ा

बॉलीवुड स्टार दीपिका पादुकोण व रणवीर सिंह को पहाड़ की वादियां खूब भा रही है। दोनों ने प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कसारदेवी में एकांत में रहकर अपनी तीसरी शादी की सालगिरह मनाई। दोनों स्टार हिमालय की विहंगम चोटियों को निहारते हुए दिखाई दिए।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 12:30 PM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 12:30 PM (IST)
दीपिका पादुकोण व रणवीर सिंह शादी की सालगिरह मनाने पहुँचे अल्मोड़ा
दीपिका पादुकोण व रणवीर सिंह शादी की सालगिरह मनाने पहुँचे अल्मोड़ा

अल्मोड़ा, जागरण संवाददाता : बॉलीवुड स्टार दीपिका पादुकोण व रणवीर सिंह को पहाड़ की वादियां खूब भा रही है। दोनों ने प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कसारदेवी में एकांत में रहकर अपनी तीसरी शादी की सालगिरह मनाई। दोनों स्टार हिमालय की विहंगम चोटियों को निहारते हुए दिखाई दिए।

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बीते शनिवार को बॉलीवुड की सबसे ग्लैमरस जोड़ी रणबीर और दीपिका हेलीकॉप्टर से कसारदेवी पहुँचे। इस बार शादी की सालगिरह मनाने के लिए उन्होंने पहाड़ की वादियां चुनीं। उन्होंने अपना यह दौरा पूरी तरह से गोपनीय रखा। दोनों ने 14 नवंबर को सादगी के साथ अपनी सालगिरह मनाई। उनके इस कार्यक्रम में किसी को आमंत्रित नहीं किया गया था। होटल स्टाफ को भी पूरे कार्यक्रम से दूर रखा गया था।

दो दिन से रुके हैं अल्‍मोड़ा

होटल स्टाफ ने जरूर दोनों को चहलकदमी करते हुए देखा। उनके पास जाने की किसी को इजाजत नहीं थी। होटल अथॉरिटी ने बताया कि दोनों स्टार दो दिन से यहां रुके हुए है। उन्होंने अपना कार्यक्रम पूरी तरह से गुप्त रखा है। उन्होंने शादी की सालगिरह के लिए कोई चीज भी बाहर से नही नही मंगाई। केक आदि भी उन्होंने नही मंगाया। किसी को भी उनसे मिलने की इजाजत नही है।

आज शाम को रवानगी 

बॉलीवुड स्टार के कसार देवी में होने की खबर उनके समर्थकों को मिलते ही वहां भीड़ लगनी शुरू हो गयी। लोग दोनों की एक झलक देखने के लिए बेताब दिखाई दिए। होटल अथॉरिटी ने बताया कि दोनों 16 नवंबर तक यहां है। आज शाम जाने का कार्यक्रम है। कुछ स्रोतों ने बताया कि दोनों का कुछ दिन और यहां रुकने का कार्यक्रम है।

देश में ही नहीं विदेशियों की भी पसंद हैं कसारदेवी

कसार देवी उत्तराखण्ड में अल्मोड़ा के निकट एक गाँव है। यह कसार देवी मंदिर के कारण प्रसिद्ध है। मंदिर दूसरी शताब्दी का है। स्वामी विवेकानन्द 1890 में यहाँ आये थे। इसके अलावा अनेकों पश्चिमी साधक यहाँ आये और रहे। यह क्रैंक रिज के लिये भी प्रसिद्ध है, जहाँ 1960-70 के दशक के हिप्पी आन्दोलन में बहुत प्रसिद्ध हुआ था। आज भी देशी-विदेशी पर्वतारोही और पर्यटक यहाँ आते रहते हैं।


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