तीन बच्चों संग जहर खाने वाले पिता की लाश बेस अस्पताल से गायब, अस्पताल प्रशासन को 24 घंटे तक खबर नहीं
तीन बच्चों को जहर देकर खुद भी खाकर जान देने वाले पिता की लाश बेस अस्पताल से गायब हो गई। अस्पताल प्रशासन को 24 घंटे बाद तक इसकी भनक तक नहीं लगी। मरीज के मरने की दूर अस्पताल से लाश गायब होने की सूचना तक पुलिस को नहीं दी गई।
हल्द्वानी, जेएनएन : तीन बच्चों को जहर देकर खुद भी खाकर जान देने वाले पिता की लाश बेस अस्पताल से गायब हो गई। वहीं अस्पताल प्रशासन को 24 घंटे बाद तक इसकी भनक तक नहीं लगी। मरीज के मरने की दूर अस्पताल से लाश गायब होने की सूचना तक पुलिस को नहीं दी गई। वहीं बताते हैं कि लाश को उसका भाई और परिजन शुक्रवार रात ही गांव लेकर चले गए थे। शनिवार दोपहर में शव का अंतिम संस्कार भी करा दिया गया है।
गुरुवार रात अल्मोड़ा जिले के सराइखेत निवासी महिपाल ने अपने तीनो बच्चों को जहर खिलाकर खुद भी जहर खा लिया था। शुक्रवार देर शाम हल्द्वानी के बेस अस्पताल में महिपाल ने दम तोड़ दिया था। वहीं शुक्रवार की रात के ही परिजन और ग्रामीण बना पोस्टमार्टम कराए शव को लेकर सराइखेत चले गए। वहीं जहर खाकर भर्ती मरीज की मौत और परिजनों के बिना पोस्टमार्टम कराए शव ले जाने के दूसरे दिन भी बेस अस्पताल प्रशासन सोया रहा। मौत या शव लेकर जाने की सूचना दिनभर पुलिस को नहीं दी गई। शाम को मीडिया कर्मियों के सवालों के बाद अस्पताल प्रशासन में खलबली मची। अब प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने जांच शुरू कर इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर से मरीज की मौत की सूचना और पुलिस के बजाय शव परिजनों को सौपने का जवाब तलब किया है।
अस्पताल प्रबंधन ने नही दी जानकारी
कोतवाली के प्रभारी संजय कुमार का कहना है कि महिपाल के मरने या बिना पोस्टमार्टम के शव लेकर जाने की सूचना बेस अस्पताल प्रशासन ने कोतवाली में नहीं दी थी। अगर सूचना आती तो शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौपा जाता।
इएमओ से किया गया है जवाब-तलब
बेस हॉस्पिटल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ हरीश लाल का कहना है कि पिता और तीन बच्चों के जहर खाकर आने की सूचना पुलिस को दी गई थी। महिपाल के मरने और परिवार वालों के लाश लेकर चले जाने की सूचना न देने पर ड्यूटी में मौजूद इएमओ डॉ यूबी सिंह से जवाब तलब किया जा रहा है। लापरवाही की पुष्टि होने पर कार्यवाही की जाएगी।
अस्पताल प्रशासन ने नहीं की कोई रोकटोक
मृतक महिपाल के भाई चंद्रपाल ने बताया कि महिपाल का शव को रात में ही निजी वाहन से लेकर गांव चले गए थे। अस्पताल प्रशासन ने किसी तरह की रोकटोक या कानूनी प्रक्रिया की जानकारी नहीं दी। शनिवार को शव की अंत्येष्टि कर दी गई है।