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अब दुग्ध समिति के सदस्यों को साढ़े पांच सौ रुपये क्िवटल मिलेगा चारा

उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन ने पशुओं के लिए हरा पोषण युक्त साइलेज चारे का उत्पादन शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 10:14 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 10:14 PM (IST)
अब दुग्ध समिति के सदस्यों को साढ़े पांच सौ रुपये क्िवटल मिलेगा चारा
अब दुग्ध समिति के सदस्यों को साढ़े पांच सौ रुपये क्िवटल मिलेगा चारा

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन ने पशुओं के लिए हरा पोषण युक्त साइलेज चारे का उत्पादन शुरू कर दिया है। इसके लिए विशेष चारा पैक करने वाली मशीन खरीदी गई है। जिसके जरिए चारे को लंबे समय तक सुरक्षित रखकर उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पशुपालकों को चारे की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में साइलेज की उपलब्धता कारगर साबित होगी। सहकारी दुग्ध समितियों के सदस्यों को चारा साढ़े पांच सौ रुपये प्रति क्िवटल की दर से उपलब्ध कराया जाएगा। साइलेज तैयार करने के लिए बरसीम, नैपियर घास, जई, मक्का, बाजरा, लोबिया, उड़द व मूंग का इस्तेमाल किया जाएगा। फिलहाल सहकारी डेयरी फेडरेशन की रुद्रपुर स्थित पशुआहार निर्माणशाला में मक्का से साइलेज तैयार किया जा रहा है। पशुपालकों को सालभर हरा चारा नहीं मिल पाता, गर्मी के मौसम में पशुओं को सिर्फ सूखा चारा खिलाना पड़ता है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में चारे की समस्या ज्यादा रहती है। इससे दुधारू पशु पर्याप्त दूध नहीं दे पाते। अब हरा चारा और पोषक तत्वों को मिलाकर साइलेज तैयार किया जा रहा है, जिसका लंबे समय तक भंडारण का चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। क्या है साइलेज घास प्रजाति के पौधों को मशीन की सहायता से छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर उसमें मानकों के अनुसार नमक व पशुओं की सेहत के लिए जरूरी अन्य पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। मशीन के जरिये चारे के ठोस बंडल तैयार किए जाते हैं, जिसका इस्तेमाल कई महीनों तक किया जा सकता है। शुरू हो गया है साइलेज का निर्माण राजवीर सिंह, चेयरमैन, उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन ने बताया कि साइलेज का निर्माण शुरू कर दिया गया है। इससे चारे की किल्लत दूर होने के साथ ही दुग्ध उत्पादन बढ़ने की भी उम्मीद है।


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