वन निगम ने खनन के लिए दाबका नदी के छोई गेट को खोला
खनन कार्य के लिए वन निगम ने दाबका नदी खोल दी है। हालांकि पहले दिन कोई भी वाहन उपखनिज निकासी के लिए नहीं जा पाया
रामनगर, जेएनएन : खनन कार्य के लिए वन निगम ने दाबका नदी खोल दी है। हालांकि पहले दिन कोई भी वाहन उपखनिज निकासी के लिए नहीं जा पाया। जबकि कोसी नदी खोलने पर वन निगम ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। इस बार खनन कार्य कार्य की जगह बदल दी गई है।
कोसी नदी के कालूसिद्ध, खड़ंज्जा व कठियापुल खनन गेट को वन निगम ने हाई कोर्ट की रोक के चलते अभी शुरू नहीं किया है। इसके अलावा बंजारी प्रथम, बंजारी द्वितीय गेट में भी खनन कार्य शुरू नहीं हो पाया है। जबकि दाबका नदी के छोई गेट को वन निगम ने गुरुवार से खोल दिया। एसडीएम परितोष वर्मा व क्षेत्रीय प्रबंधक खनन अनीस अहमद ने छोई गेट का शुभारंभ किया। इस दौरान खनन कार्य के लिए वन निगम में दो ही वाहनों का पंजीकरण हो पाया है। दोनों वाहन खनन कार्य के लिए गेट पर पहुंचे थे। लेकिन तकनीकी दिक्कत के चलते टोकन नहीं कटे। जिस वजह से वाहन नदी में उपखनिज निकासी के लिए नहीं जा पाए। तराई पश्चिमी वन प्रभाग के बैलपड़ाव रेंज के रेंजर संतोष पंत ने बताया कि दाबका नदी में खनन कार्य का स्थान बदल दिया है। खनन कार्य अब नियत जगह से तीन किलोमीटर नीचे की ओर होगा। इसके लिए सीमांकन की कार्रवाई भी पूरी हो गई है।
तीन वाहनों के ही कागज निकले सही
दाबका नदी में करीब 222 वाहनों का पंजीकरण होना है। जिसमें से अभी 50 लोगों ने ही वाहनों के पंजीकरण के लिए फिटनेस, टैक्स आदि के कागज लगाकर वन निगम में आवेदन किया। वन निगम ने वाहनों के कागज जांच के लिए एआरटीओ के पास भेजे। एआरटीओ की जांच में तीन ही वाहनों के कागज सही पाए गए। जिस कारण वन निगम ने फिलहाल तीन ही वाहनों का पंजीकरण किया। डीएलएम अनीस अहमद ने बताया कि एआरटीओ में कागज पूरे करने के बाद अन्य वाहन भी पंजीकरण के लिए आएंगे।
गौला नदी के तीन और निकासी गेट खुले
गौला नदी के तीन खनन निकासी गेट चुगान के लिए और खुल गए है। जबकि चार गेट पहले ही खुल चुके है। पहले दिन तीनों गेटों में आठ वाहनों ने उपखनिज का ढुलान किया। गौला रेंज के वन क्षेत्राधिकारी गणेश त्रिपाठी ने बताया कि गुरुवार को गौला नदी के लालकुआं प्रभाग के लालकुआं, देवरामपुर व हल्द्वानी गेट के गोरापड़ाव निकासी गेट को खनन के लिए खोल दिया गया है। पहले दिन लालकुआं गेट से चार, गोरापड़ाव गेट से चार वाहनों ने उपखनिज की निकासी की। जबकि देवरामपुर गेट से किसी भी वाहन ने निकासी नहीं की। बतादें कि गौला नदी के शीशमहल, राजपुरा, आंवला चौकी व बेरीपड़ाव गेट पहले ही खुल चुके है।