साइबर क्रिमिनलों के निशाने पर तराई की पुलिस, सीओ समेत दो एसओ की फेक एफबी आइडी बनाकर मांगे रुपए
साइबर क्रिमिनल के निशाने पर इस समय तराई की पुलिस टीम आ गई है। फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से एकाउंट की क्लोनिंग कर पैसे ऐंठ रहे हैं। पिछले एक माह में एक सीओ सहित दो थाना प्रभारी और 12 पुलिस कर्मियों की फेसबुक आइडी की क्लोनिंग हो चुकी है।
काशीपुर, अभय पांडेय : साइबर क्रिमिनल के निशाने पर इस समय तराई की पुलिस टीम आ गई है। फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से एकाउंट की क्लोनिंग कर पैसे ऐंठ रहे हैं। पिछले एक माह में एक सीओ सहित दो थाना प्रभारी और 12 पुलिस कर्मियों की फेसबुक आइडी की क्लोनिंग हो चुकी है।
ऊधमसिंह नगर जिले में पिछले एक माह में ही आइडी क्लोनिंग के 24 मामले सामने आए। ताजा मामला खटीमा सीओ मनोज ठाकुर का है। उनकी फेसबुक आइडी चार दिन पहले हैक कर लिया गया। इसके बाद उन्होंने अपने जानने वालों को सतर्क किया और अपनी प्रोफाइल पिक्चर भी बदल दी। इससे पहले साइबर क्रिमिनलों ने थानाध्यक्ष आइटीआइ विद्या दत्त जोशी की आइडी हैक करके उनके जानने वालों से पैसे मांगे।
जानकारी होने पर थानाध्यक्ष ने साइबर सेल में शिकायत की। उन्होंने अपने शुभचिंतकों से कहा कि वह किसी भी झांसे में न आएं। उनकी आइडी हैक हो गई है। पैसे की जरूरत नहीं है। किसी के भी खाते में पैसे न भेजें। इससे पहले किच्छा थाना प्रभारी चंद्रमोहन ङ्क्षसह की आइडी की क्लोनिंग कर उसे हैक कर दिया गया। इसपर उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर सभी को आइडी हैक होने के प्रति सचेत किया।
मैसेंजर के माध्यम से मांग रहे पैसे
फेसबुक आइडी का क्लोन बनाने वाले फेसबुक वाल पर न जाकर फ्रेंड लिस्ट में शामिल लोगों के मैसेंजर के माध्यम से पैसे मांगते हैं। इसमें पैसा मांगने के लिए ङ्क्षलक तक उपलब्ध कराया जाता है। तबीयत खराब होने, अस्पताल में भर्ती होने और अति आवश्यक स्थिति दिखा कर पैसे देने की अपील की जा रही है।
बड़े अधिकारी और राजनेता भी हो रहे शिकार
साइबर क्रिमिनलों ने बड़े अधिकारियों और राजनेताओं को भी निशाना बनाया है। व्यवसायियों व नामचीन हस्तियों के फेसबुक एकाउंट का क्लोन तैयार कर उनके मित्रों से भी पैसे की मांग कर चुके हैं।
यह बरतें सावधानी
साइबर सेल के प्रभारी ललित जोशी बताते हैं कि जब भी किसी फेसबुक आइडी से मदद के नाम पर रुपये मांगें जाएं तो पहले उस व्यक्ति के मोबाइल से संपर्क करें। आइडी की क्लोनिंग तभी होगी जब आप की प्राइवेसी सेङ्क्षटग मजबूत नहीं होगी। इसलिए अनजान लोगों के लिए लॉक जरूर लगाएं। अपनी आइडी वनली मी या वनली फ्रेंड में रखेंगे तो साइबर अपराधी आपकी आइडी में नहीं प्रवेश कर पाएंगे।
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