बेस अस्पताल के बाद सुशीला तिवारी अस्पताल की भी सीटी स्कैन मशीन खराब
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को हर स्तर पर समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। बेस अस्तपाल के बाद सुशीला तिवारी अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन भी खराब हो गई। बार-बार मशीन खराब होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की ओर से ठोस इंतजाम नहीं है।
हल्द्वानी, जेएनएन : सरकारी अस्पतालों में मरीजों को हर स्तर पर समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। बेस अस्तपाल के बाद सुशीला तिवारी अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन भी खराब हो गई। बार-बार मशीन खराब होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की ओर से ठोस इंतजाम नहीं है। जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने भी मुंह मोड़ लिया है। दूर-दराज से मरीज इलाज को पहुंच रहे हैं, जांच की सुविधा नहीं मिलने पर निराश हैं। डा. सुशीला तिवारी कोविड अस्पताल में 95 कोविड मरीज भर्ती हैं। इनमें से कई मरीजों को सीटी स्कैन जांच की जरूरत पड़ जाती है, लेकिन मशीन के खराब होने पर जांच नहीं हो पाती। जबकि ऐसे मरीजों को बाहर जांच के लिए भी नहीं भेजा जा सकता है।
कैंसर के मरीज को कर दिया डिस्चार्ज
लालकुआं निवासी 57 वर्षीय व्यक्ति ने बायोप्सी की जांच निजी लैब से कराई। मरीज कैंसर से ग्रस्त है। गरीब परिवार से हैं। गले व सिर का सीटी स्कैन होना है, लेकिन मशीन खराब होना बताया जा रहा है। मजबूर होकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
गरीब महिला की नहीं हो सकी जांच
बरेली रोड निवासी 55 वर्षीय महिला के सिर का सीटी स्कैन होना था। उनके पास इतना पैसा नहीं है कि निजी लैब में जांच करा सकें। बेस अस्पताल से लेकर एसटीएच पहुंच गए, लेकिन दोनों जगह मशीन खराब होने से निराश है।
एसटीएच की मशीन हांफने लगी
एसटीएच में सीटी स्कैन व एमआरआइ मशीन को 15 साल से ज्यादा हो गए हैं। महीने में दो से तीन बार खराब हो रही है। इसके बावजूद नई मशीन नहीं लग रही है। जबकि इसके लिए कई बार शासन को प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।
ठीक कराने को बुलाया गया है इंजीनियर
एसटीएच के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. अरुण जोशी ने बताया कि सीटी स्कैन मशीन खराब है। इसे ठीक कराने के लिए इंजीनियर को बुलाया गया है। मशीन जल्द ठीक हो जाएगी।