शुगर हो या बीपी, कोरोना वैक्सीन हर किसी के लिए जरूरी, जानिए क्या कहते हैं फिजीशियन डा. डीसी पंत
वरिष्ठ कार्डियो डायबिटोलॉजिस्ट व फिजीशियन डा. डीसी पंत कहते हैं कि आपको ब्लड प्रेशर व डायबिटीज को नियंत्रित करना है और हर हाल में कोरोना वैक्शीन लगवानी है। इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और कोरोना से लडऩे की शक्ति मिलेगी।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : लगातार जागरूकता अभियान के बाद भी कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां फैली हैं। जैसे कि डायबिटीज व ब्लड प्रेशर बढ़ा होने पर वैक्सीन नहीं लगानी चाहिए। इसे तरह के भ्रम को लेकर वरिष्ठ कार्डियो डायबिटोलॉजिस्ट व फिजीशियन डा. डीसी पंत कहते हैं कि आपको ब्लड प्रेशर व डायबिटीज को नियंत्रित करना है और हर हाल में कोरोना वैक्शीन लगवानी है। इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और कोरोना से लडऩे की शक्ति मिलेगी। डा. पंत रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर में उपस्थित थे। उन्होंने कुमाऊं भर से फोन करने वाले लोगों को परामर्श दिया।
कोरोना और डायबिटीज का कनेक्शन
डायबिटीज के रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए ऐसे लोगों में कोरोना का असर अधिक देखने को मिलता है। इसलिए उचित सावधानी बरतनी जरूरी है। वैक्सीन लगाने से घबराने की जरूरत नहीं है।
डायबिटीज में कोरोना होने पर लक्षण
डायबिटीज वाले रोगियों में कोविड-19 होने पर वहीं लक्षण उभरते हैं, जो अन्य मरीजों में देखे जाते हैं। डा. पंत बताते हैं, बुखार आना, छाती में संक्रमण, कमजोरी, कई बार फेफड़ों में थक्के बनने लगते हैं। यह अधिक खतरनाक होता है।
बचाव के लिए अपनाएं ये तरीका
- - डायबिटीज होने पर डाक्टर से परामर्श लें
- - डायबिटीज को नियंत्रित करें
- - नियमित योग व व्यायाम करें
- - हर तीन महीने में एचबीए1सी जांच कराएं।
इन चीजों को खाने से बचें
- - तला-भुना भोजन से बचें
- - जंक फूड का सेवन न करें
- - नशे वाले पदार्थों से बचें
- - मेदे वाले खाद्य पदार्थों से बचें
- - रेशे वाले व प्रोटीन युक्त भोजन लें
- - कम मीठे ताजे फलों का सेवन करें
अगर भर्ती हैं तो ठीक होने के बाद लगाएं टीका
डा. पंत का कहना है कि अगर आपका शुगर अनियंत्रित है और इसकी वजह से अस्पताल में भर्ती हैं। हार्ट अटैक, बुखार या फिर अन्य गंभीर बीमारी के चलते भर्ती हैं तो उपचार के बाद तुरंत कोरोना वैक्सीन लगा लेनी चाहिए। वैक्सीन लगाने में घबराने की जरूरत नहीं है।
इन्होंने लिया परामर्श
भीमताल से गोविंद सिंह मर्तोलिया, राम सिंह पोखरियाल, कला जोशी, रमेश चंद्र, सोहन राम, कोटाबाग से भीम सिंह नैनवाल, द्वाराहाट से राकेश मठपाल, बिंदुखत्ता से एलएस जग्गी, लोहाघाट से शशांक पांडे, सितारगंज से बलविंदर सिंह, खटीमा से शंकर भट्ट, किच्छा से विजेंद्र सिंह, बागेश्वर से सुरेश सिंह, हल्द्वानी कठघरिया से उमेश सिंह, रमेश चंद्र सरकार, काठगोदाम से मनोरमा देवी आदि ने फोन पर परामर्श लिया।
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