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कोरोना ने किया बेरोजगार, अब अंडे बेच कमा रहे 21 हजार, हिम्‍मती मोहन लाल फेरी लगाकर अपनी जेब के साथ लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य को दे रहे मजबूती

रामपुर जिले के एक मजदूर ने यह बात साबित करके दिखा दिया है। कोराेना काल में नौकरी छूटने के बाद अपनी हिम्‍मत से वह महीने में 21 हजार रुपये कमा कर बेहतर जीवन बिता रहे हैं। ऐसे में बेरोजगारी की दुहाई देने वालों के लिए यह एक सबक भी है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 18 Dec 2020 12:57 PM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 12:57 PM (IST)
कोरोना ने किया बेरोजगार, अब अंडे बेच कमा रहे 21 हजार, हिम्‍मती मोहन लाल फेरी लगाकर अपनी जेब के साथ लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य को दे रहे मजबूती
अंडे बेचने वाले एक व्यक्ति से मुलाकात के बाद उन्होंने भी यही कार्य शुरू कर दिया।

रुद्रपुर (ऊधमसिंह नगर), मनीस पांडेय। दिल में अगर कुछ करने की चाह हो तो आदमी कभी बेरोजगार नहीं हो सकता है। रामपुर जिले के एक मजदूर ने यह बात साबित करके दिखा दिया है। कोराेना काल में नौकरी छूटने के बाद अपनी हिम्‍मत व जज्‍बे से वह महीने में 21 हजार रुपये कमा कर बेहतर जीवन बिता रहे हैं। ऐसे में बेरोजगारी की दुहाई देने वालों के लिए यह एक प्रेरणादायक स्टोरी भी है। इससे हम अपने जीवन में सबक ले सकते हैं।

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जिला रामपुर के ग्राम बिचपुरी, थाना टांडा, विकास खंड सैदनगर निवासी 45 वर्षीय मोहन लाल के परिवार में आठ से 18 साल की उम्र के दो बेटे व दो बेटियां हैं। घर का गुजर-बसर छाेटी मोटी नौकरी करके हो रहा था। कोरोना के चलते काम मिलना बंद हो गया। ऐसे में नौकरी की तलाश में रुद्रपुर पहुंचे मोहन लाल को निराशा ही हाथ लगी। ऐसे में अंडे बेचने वाले एक व्यक्ति से मुलाकात के बाद उन्होंने भी यही कार्य शुरू कर दिया। वह रोज अंडों की टोकरी सिर पर रखकर गलियों और मुहल्लों की फेरी लगाते हैं। दिन भर में वह करीब 300 अंडे बेच देते हैं, जिसमें से खर्च निकालकर 600 से 800 रुपये तक प्रतिदिन कमाई कर लेते हैं। इस तरह महीने की औसत कमाई करीब 21 हजार रुपये हो जाती है।

देसी अंडे ज्यादा फायदेमंद

अंडों की टोकरी सिर पर रख फेरी लगाने वाले मोहन लाल का कहना है कि फार्मी अंडे हर जगह मिल जाते हैं। लेकिन देसी अंडे आसानी से नहीं उपलब्ध हो पाते हैं। ऐसे में फेरी लगाने पर लोग ज्यादा फायदेमंद इस अंडे को खरीदना पसंद करते हैं। फार्म के अंडे के लिए मुर्गियों को कई दवाएं व हार्मोन आदि दिया जाता है। जबकि देसी अंडे बिना किसी अतिरिक्त हार्मोनल प्रभाव के होते हैं। ऐसे में देशी अंडे स्वास्थ्य के लिए ज्यादा मुफीद हैं।

संडे हो या मंडे, रोज खाएं अंडे

संडे हो या मंडे, रोज खाएं अंडे, यह पंचलाइन हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। इसके पीछे अंडे में मौजूद प्रोटीन, विटामिन सहित अनगिनत पोषक तत्वों का मौजूद होना है। सर्दियों में अंडे खाना और भी ज्यादा अच्छा माना जाता है, क्योंकि अंडा पौष्टिक होने के साथ ही शरीर को गर्म भी रखता है। जिला चिकित्सालय की डायटिशियन अंशुल टंडन का कहना है कि सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ ही फेफड़ों में पानी भरने पर अंडा एक बेहतर औषधि की तरह कार्य करता है। ऐसे में इसका नियमित सेवन  किया जा सकता है।


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