कोरोना संक्रमितों ने कहा- बीमारी तो ठीक हो गई, लेकिन समाज के तानों से कौन बचाएगा
वानिकी प्रशिक्षण संस्थान में कोविड-19 पॉजिटिव लोग भर्ती है। इनमें किसी तरह के लक्षण नहीं हैं लेकिन इन्हें बीमारी से ज्यादा समाज के तानों का डर सता रहा है।
हल्द्वानी, जेएनएन : वानिकी प्रशिक्षण संस्थान में कोविड-19 पॉजिटिव लोग भर्ती है। इनमें किसी तरह के लक्षण नहीं हैं, लेकिन इन्हें बीमारी से ज्यादा समाज के तानों का डर सता रहा है। यह डर डिप्रेशन का कारण बनने लगा है। मानसिक काउंसलिंग के दौरान अधिकांश लोगों की यही मानसिक पीड़ा थी। उनका कहना था, बीमारी से उबर गए हैं, लेकिन अपनों के ताने कैसे सहन करेंगे।
वानिकी प्रशिक्षण संस्थान में लंबे समय से कोविड-19 के मरीजों की काउंसलिंग कर रही मेंटल हेल्थ काउंसलर हिमांशी बिष्ट कहती हैं, शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज भी यहां रखे गए हैं। नियमित काउंसलिंग होती है, लेकिन लोगों में बीमारी से ज्यादा समाज का डर दिखा। इस डर को दूर करने के लिए काउंसलिंग की जा रही है। उनमें इतना डर था कि डिस्चार्ज होते समय भी कई लोग आंसू नहीं रोक पाए।
अल्मोड़ा की एक महिला थी, जो दिल्ली से गांव लौटी थी। परिजन की रिपोर्ट निगेटिव आ गई और वह गांव पहुंच गए, लेकिन वह पॉजिटिव आ गई थी। उसे कोविड केयर सेंटर में 10 दिन रहना था। उसका कहना था कि गांव में लोग कहने लगे हैं, वह अब घर कैसे आएगी, उसे कोरोना हुआ है। फोन से यही सुन-सुन कर मन घबराने लगा है। बागेश्वर निवासी युवक इसी बात से परेशान रहता था कि घर जाने पर आस पड़ोस वाले पता नहीं क्या-क्या सुनाएंगे।
काउंसलर कहती हैं, ऐसे लोगों को मानसिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए लगातार काउंसलिंग की गई। सेंटर में अधिकांश लोगों की यही पीड़ा है। लेकिन, इसके लिए समाज को जागरूक करने की जरूरत है।
काउंसलर बिष्ट ने दिए ये सुझाव
- - मन में नकारात्मक बातों को न रखें
- - सबकुछ ठीक हो जाएगा, थोड़ा इंतजार करें
- - दिनचर्या ठीक रखें
- - समय का उपयोग हॉबी पूरी करने में करें
- - अपनी उदासी काउंसलर या खास मित्र से शेयर करें
- - बार-बार कोरोना के बारे में न सुनें
- - मेडिटेशन व नियमित योगाभ्यास करें
- - खुद को ऊर्जावान बनाए रखें
लोगों को सहयोग करें
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि पंत कहती हैं, बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो लोग पॉजिटिव होकर ठीक हो गया हैं, उनके साथ बेहतर व्यवहार करें। ऐसे लोगों का मनोबल बढ़ाएं और उसे सहयोग करें।
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