कोरोना संक्रमित की एक बार निगेटिव तो दूसरी बार पॉजिटिव आ जा रही रिपोर्ट, हो चुके सात टेस्ट, कोरोना का कोई लक्षण नहीं
डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में एक महीने से भर्ती कोविड-19 से ग्रस्त मरीज सातवीं बार जांच होने के बाद भी पॉजिटिव आया है। जबकि उसके साथ के सभी अन्य मरीज डिस्चार्ज हो गए हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में एक महीने से भर्ती कोविड-19 से ग्रस्त मरीज सातवीं बार जांच होने के बाद भी पॉजिटिव आया है। जबकि उसके साथ के सभी अन्य मरीज डिस्चार्ज हो गए हैं। कोरोना संक्रमण का यह रूप देखकर डॉक्टर भी हैरान हैं। वैसे तो उत्तराखंड में कोरोना के मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं, लेकिन एसटीएच में आठ मार्च से भर्ती 35 वर्षीय मरीज की सात जांचें हुई हैं। इसमें से दो बार की जांच निगेटिव आई है, लेकिन दूसरी बार जांच करने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है। इस मरीज में के शरीर में कोरोना वायरस खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। इतने लंबे समय तक शरीर में वायरस होने के बावजूद युवक में कोरोना से संबंधित कोई लक्षण नहीं हैं। इस तरह की स्थिति पर डॉक्टर अध्ययन में जुटे हैं।
वायरस लोड ज्यादा पर बीमारी के लक्ष्ण गायब
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि मरीज की सात बार जांच हुई और पॉजिटिव आई है। फिर भी मरीज में कोरोना का कोई लक्षण नहीं हैं। मरीज को थॉयराइड की भी समस्या है। इसका अलग से उपचार चल रहा है। वैसे इस तरह की समस्या कई जगह आई है। वायरस का लोड अधिक होने से कई बार ऐसी समस्या आ जाती है, लेकिन उम्मीद है कि मरीज ठीक हो जाएगा।
45 दिन में ठीक होने का रिकॉर्ड
देश में कोरोना के मरीजों के सबसे देर में ठीक होने का रेकार्ड 45 दिनों का है। केरल में 70 साल के एक बुजुर्ग ने इतने लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहते हुए कोरोना के खिलाफ यह जंग जीती थी। हालांकि इतने अधिक समय तक संक्रमित रहने के मामले काफी कम हैं। मरीज की लगातार दो रिपोर्ट नेगेटिव होने पर ही शरीर में कोरोना वायरस खत्म होना माना जाता है।
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