ठेकेदारों को तीन फीसद ही जमा करनी होगी सिक्योरिटी, जल संस्थान के सीजीएम ने सभी डिवीजनों को जारी किया आदेश
जलसंस्थान के अधीक्षण अभियंता विशाल कुमार ने बताया कि कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था में भारी कमी आयी है। जिस कारण विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। आर्थिक तंगी के कारण ठेकेदार विकास कार्यों में रुचि कम दिखा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कोरोना काल की वजह से आर्थिक तंगी से जूझ रहे ठेकेदारों को राहत देने वाली खबर है। सरकार ने ठेकेदारों पर आर्थिक बोझ कम करने और विकास कामों में तेजी लाने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर जमा होने वाली धनराशि घटा दी है। अब ठेकेदारों को पांच से 10 फीसद के बजाय तीन फीसद ही धरोहर राशि जमा करनी होगी। सरकार के निर्णय पर जलसंस्थान के मुख्य महाप्रबंधक ने सभी डिवीजनों को तीन फीसद ही धरोहर राशि जमा करने का आदेश जारी कर दिया है।
जलसंस्थान के अधीक्षण अभियंता विशाल कुमार ने बताया कि कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था में भारी कमी आयी है। जिस कारण विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। आर्थिक तंगी के कारण ठेकेदार विकास कार्यों में रुचि कम दिखा रहे हैं। वहीं भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने कोरोना काल में ठेकेदारों को राहत देने व विकास कार्यों में गति लाने के लिए राहत देने का फैसला लिया है। जिसके तहत विकास कार्यों के लिए सामग्री, निर्माण व सेवाएं देने वाले ठेकेदारों से जमा होने वाली धरोहर राशि कम कर दी गयी है।
पूर्व तक ठेकेदारों को पांच से 10 फीसद तक धरोहर राशि जमा करनी पड़ती है। जिसे घटाकर तीन फीसद करने का केंद्र सरकार ने आदेश जारी किया है। यह आदेश 31 दिसंबर 2021 तक जारी होने वाली निविदाओं के लिए प्रभावी रहेगा। केंद्र सरकार के फैसले के बाद जलसंस्थान के मुख्य महाप्रबंधक एसके शर्मा ने सभी महाप्रबंधक, अधीक्षण अभियंता व डिवीजनों के अधिशासी अभियंताओं को ठेकेदारों से तीन फीसद ही धरोहर राशि जमा करने का आदेश जारी किया है।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें