गांव में सैंपलिंग न कराने पर बनाया जाएगा कंटेनमेंट जोन : डीएम
गांव-गांव जा रही सैंपलिंग टीमें खाली लौट रही है। इसको देखते हुए डीएम विनीत तोमर ने अब सख्ती शुरू कर दी है। डीएम ने आदेश दिए हैं कि अगर किसी गांव में लोग सैंपलिंग नहीं कराते हैं तो उस गांव को कंटेनमेंट जोन बना दें।
जागरण संवाददाता, चम्पावत : कोरोना संक्रमण का ग्राफ कम होने का कारण है कि इस दौरान सैंपलिंग कम हो गई है। ऐसा नहीं कि विभाग सैंपलिंग नहीं कर रहा बल्कि लोग सैंपलिंग नहीं करवाना चाह रहे हैं। गांव-गांव जा रही सैंपलिंग टीमें खाली लौट रही है। इसको देखते हुए डीएम विनीत तोमर ने अब सख्ती शुरू कर दी है। डीएम ने आदेश दिए हैं कि अगर किसी गांव में लोग सैंपलिंग नहीं कराते हैं तो उस गांव को कंटेनमेंट जोन बना दें।
डीएम तोमर ने कहा कि कोरोना संक्रमण इस सप्ताह भले ही कम हुआ हो लेकिन इससे ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। कारण कि संक्रमण कम होने का एक कारण यह भी है कि गांव-गांव में सैंपलिंग नहीं हो रही है। लोग सैंपलिंग कराने से डर रहे हैं। जनपद के कई गांव में लोग सर्दी जुकाम बुखार से पीडि़त है। सैंपलिंग टीम को भी भेजा जा रहा है लेकिन लोग सैंपलिंग कराने नहीं आ रहे हैं। लोगों को कोरोना का डर है। अगर लोग सैंपलिंग नहीं कराएंगे तो कैसे पता चलेगा कि क्षेत्र संक्रमण मुक्त हो गया है।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपनी व अपने परिवार की रक्षा की खातिर अधिक से अधिक लोग सैंपलिंग कराएं। अगर इसके बावजूद भी सैंपलिंग नहीं कराते तो जबरन उस गांव को कंटनेनमेंन जोन घोषित कर दिया जाएगा। कंटेनमेंट जोन बनाने से गांव के सभी लोगों को दिक्कत होगी। ग्राम प्रधान लोगों को जांच के लिए आगे लाएं। वहीं कुछ गांवों में सैंपलिंग टीम के साथ अभद्रता किये जाने की भी शिकायत आई है। इसलिए ग्राम प्रधान इसका ध्यान रखें। डीएम तोमर ने बताया कि अब तक जनपद की आबादी की करीब पचास प्रतिशत लोगों की जांच हो चुकी है। लोगों में भ्रांतियां दूर करने के साथ ही महामारी से निपटने के लिए सख्ती भी जरूरी है। इसी को देखते हुए डीएम ने यह कदम उठाया है।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें