Move to Jagran APP

ऊधमसिंह नगर के जंगलों से नैनीताल जिले में पहुंच रही कच्ची शराब की खेप

नैनीताल जिले का तराई-भाबर के क्षेत्र में भारी मात्रा में कच्ची शराब की खेप पहुंच रही है। ऊधम सिंह नगर के जंगलों में तस्करों ने कच्ची शराब की भट्टियां लग रखी हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 01:55 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 01:55 PM (IST)
ऊधमसिंह नगर के जंगलों से नैनीताल जिले में पहुंच रही कच्ची शराब की खेप
ऊधमसिंह नगर के जंगलों से नैनीताल जिले में पहुंच रही कच्ची शराब की खेप

हल्द्वानी, जेएनएन : नैनीताल जिले का तराई-भाबर के क्षेत्र में भारी मात्रा में कच्ची शराब की खेप पहुंच रही है। ऊधम सिंह नगर के जंगलों में तस्करों ने कच्ची शराब की भट्टियां लग रखी हैं। वहां से तस्कर बाइकों से ढोकर चोरगलिया से लेकर रामनगर तक के गांवों में पहुंच रहे हैं। ऊधम सिंह नगर से लेकर नैनीताल जिले तक के तस्करों के गठजोड़ पुलिस, आबकारी और वन विभाग मिलकर भी नहीं तोड़ पा रहे हैं। लगातार तस्करों की धरपकड़ और भट्टियों को नष्ट करने के बाद भी कच्ची शराब की खेप गांव-गांव तक पहुंच रही है।

loksabha election banner

कच्ची शराब को लेकर चोरगलिया से लेकर रामनगर तक लगातार आंदोलन होते रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक हल्द्वानी के लामाचौड़ और बेलबाबा क्षेत्र में टांडा जंगल और रुद्रपुर के बिंदुखेड़ा से सटे जंगल से कच्ची शराब की खेप पहुंचती है। लालकुआं व बिंदुखत्ता क्षेत्र में ढोरा डैम व गूलरभाेज डैम से सटे जंगलों में भट्टियां बनाकर शराब की खेप पहुंचायी जा रही है। गौलापार, चोरगलिया में नानकमत्ता, सितारगंज व ढोरा डैम से सटे जंगलों के रास्ते शराब पहुंचती है। कालाढूंगी क्षेत्र में बेरिया दौलत के जंगल के रास्ते, रामनगर में थारी व मालधन चौड़़ से लगे डैम के समीप के जंगलों में शराब बनाकर पहुंचायी जा रही है।

सूत्र बताते हैं कि जंगलों में कच्ची शराब की भट्टियां ऊधम सिंह नगर जिले के तस्कर बनाते हैं। शराब निकालकर वह बाइकों के माध्यम से जंगलों से होते हुए नैनीताल जिले की सीमाओं में प्रवेश करते हैं। नैनीताल जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे तस्कर इनसे शराब थोक में खरीदते हैं। इसके बाद आधा लीटर व एक लीटर की थैलियां बनाकर नशेड़ियों को सप्लाई की जाती है। नैनीताल के साथ ही ऊधम सिंह नगर जिले की पुलिस, आबकारी महकमा और वन महकमा कई बार अभियान चलाकर शराब की भट्टियां नष्ट करता है, लेकिन भट्टियों को लगाने में आने वाली नाम मात्र लागत और मोटा मुनाफा तस्करों को फिर इसी धंधे में धकेल देता है।

वन विभाग से अधिक तस्करों को जंगलों की जानकारी

कच्ची शराब के तस्करों को जंगलों के चप्पे-चप्पे की जानकारी वन विभाग, पुलिस या आबकारी महकमे से अधिक रहती है। यही कारण होता है कि संयुक्त छापामारी के दौरान भी अधिकांश बार तस्कर टीम को चकमा देने में कामयाब हो जाते हैं। यही नहीं बरसात से लेकर सर्दियों तक जंगलों की घनी घास में भी तस्कर अपना रास्ता ढूंढ लेते हैं। जबकि इस दौरान संयुक्त टीम तक को कांबिंग करने में पसीना बहाना पड़ता है।

अब तक जिले में पकड़ी गई कच्ची शराब

पुलिस महकमे के रिकार्ड बताते हैं इस साल अब तक जिले में आबकारी अधिनयम के तहत 355 अभियोग पंजीकृत कर 367 तस्करों की गिरफ्तारी की गयी। पुलिस महकमा अब तक 3566 लीटर कच्ची शराब बरामद कर चुका है। जबिक 3139 बोतल देसी-विदेशी शराब की बोतलें बरामद करने में पुलिस को कामयाबी मिली। अब तक शराब तस्करी में लिप्त 104 वाहनों को भी पुलिस सीज कर चुकी है। वहीं हल्द्वानी सर्किल के आबकारी महकमे ने इस साल अब तक जंगलों में कांबिंग कर सात भट्टियां नष्ट कीं। अवैध रूप से शराब की बिक्री में 21 तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि 323 लीटर कच्ची शराब बरामद की गयी। इसके अलावा आबकारी महकमे को 190 लीटर देसी और 60 लीटर विदेशी शराब पकड़ने में सफलता मिली है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.