Uttarakhand Chunav 2022 : नैनीताल से 23 साल बाद कांग्रेस को दिलाई थी जीत, अब भाजपा ने बांधी उम्मीद
Uttarakhand Chunav 2022 सरिता आर्य ने नैनीताल नगर निकाय के अपने पहले ही चुनाव में जीत हासिल की थी जिसके बाद वह राजनीति में लगातार सक्रिय रहीं। इसी वजह से उन्हें 2009 में आल इंडिया वूमन कांफ्रेंस का जिलाध्यक्ष भी बनाया गया।
विनोद कुमार, भवाली। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में नैनीताल सीट हाट सीट बनती जा रही है। इस सीट के लिए कांग्रेस व भाजपा दोनों दलों में दावेदारों का दल बदलने का सिलसिला जारी है। पूर्व में जहां भाजपा के सिङ्क्षटग विधायक संजीव आर्य ने कांग्रेस का दामन थामा तो इसके बाद कांग्रेस के हेम आर्य और अब सरिता आर्य भी भाजपा में शामिल हो गई हैं।
सरिता आर्य ने नैनीताल नगर निकाय के अपने पहले ही चुनाव में जीत हासिल की थी, जिसके बाद वह राजनीति में लगातार सक्रिय रहीं। इसी वजह से उन्हें 2009 में आल इंडिया वूमन कांफ्रेंस का जिलाध्यक्ष भी बनाया गया। इसके बाद 2012 में उन्होंने कांग्रेस से विधायक का टिकट मिलने पर जीत भी हासिल की। 23 साल बाद यह सीट कांग्रेस के हाथ आई थी। जिसे एक महिला ने कांग्रेस की झोली में डाला था। यही नहीं, वह आजादी के बाद इस सीट को जीतने वाली पहली महिला भी बनीं, जिससे पार्टी में उनका कद काफी बढ़ गया। इस वजह से 2015 में उन्हें महिला कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया। 2017 में उन्हें पार्टी ने फिर से नैनीताल सीट से विधायक का टिकट दिया, मगर भाजपा के संजीव आर्य से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि लोगों ने इसे मोदी लहर नाम दिया। अब एक बार फिर वह टिकट मांग रही हैं।
संजीव आर्य के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने पर टिकट मिलने की उम्मीद धुंधली होती देखकर ही उन्होंने भाजपा का दामन थामा है। यदि भाजपा उन्हें टिकट देती है तो वह संजीव को कांटे की टक्कर देंगी। क्योंकि संजीव के मुकाबले सरिता का राजनीतिक इतिहास काफी गहरा है। वह नैनीताल नगर, जिले व प्रदेश स्तर की जिम्मेदारियां संभाल चुकी हैं। उधर, संजीव ने पिछले 5 साल विधायक रहते हुए काफी लोकप्रियता हासिल की है। इस राजनीतिक घमासान के बीच नैनीताल सीट पर दोनों पाॢटयों के बीच मुकाबला काफी रोमांचक होने वाला है।