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कालाढूंगी सीट : कांग्रेस का बिखरा कुनबा, भाजपा की रणनीति रंग लाई

नगर पंचायत कालाढूंगी के चुनाव में भाजपा की रणनीति रंग लाई तो कांग्रेस का बिखरा कुनबा उसकी हार का कारण बना। साथ ही पार्टी को तीसरे नंबर पर लाकर साख पर और बट्टा लगा दिया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 04:38 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 07:08 PM (IST)
कालाढूंगी सीट : कांग्रेस का बिखरा कुनबा, भाजपा की रणनीति रंग लाई
कालाढूंगी सीट : कांग्रेस का बिखरा कुनबा, भाजपा की रणनीति रंग लाई

संदीप मेवाड़ी, हल्द्वानी : नगर पंचायत कालाढूंगी के चुनाव में भाजपा की रणनीति रंग लाई तो कांग्रेस का बिखरा कुनबा उसकी हार का कारण बना। साथ ही पार्टी को तीसरे नंबर पर लाकर साख पर और बट्टा लगा दिया। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बागी बनकर निर्दलीय चुनाव लड़े अली दूसरे नंबर पर रहे। जबकि दूसरे बागी राजेंद्र सिंह ने भी वोट काटे।

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कांग्रेस ने पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष दीप चंद्र सती को पार्टी से टिकट दिया तो अली हुसैन व राजेंद्र नेगी बागी बनकर चुनाव मैदान में उतर गए। दोनों ने निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। वहीं, भाजपा के निवर्तमान अध्यक्ष पुष्कर कत्यूरा को टिकट देने पर अखिलेश वर्मा ने बगावत कर निर्दलीय पर्चा दाखिल किया था। भाजपा अखिलेश वर्मा को मनाने में कामयाब हो गई। अंतिम दिन अखिलेश ने अपना पर्चा वापस ले लिया। वहीं, कांग्रेस बागियों को मनाने में असफल रही। अली हुसैन व राजेंद्र चुनाव मैदान में डटे रहे। अली चुनाव में अपनी ताकत का एहसास कराने में काफी हद तक सफल भी साबित हुए। अंत तक उन्होंने भाजपा की जीत पर जमकर रोड़े लगाए, लेकिन आखिरकार पुष्कर कत्यूरा फतह हासिल करने में कामयाब रहे।

मुस्लिम मतदाताओं को नहीं खींच पाए कांग्रेस-भाजपा

मुस्लिम मतदाताओं ने पार्टी पर नहीं चेहरे पर भरोसा दिलाया। कांग्रेस से बागी बनकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे अली हुसैन के पक्ष में वार्ड नंबर तीन व चार में बंपर मतदान हुआ। ये दोनों वार्ड मुस्लिम बाहुल्य हैं। वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी शहीद अहमद पूर्व में वार्ड पांच से सभासद रहे थे। यहां के लोगों ने उन पर भरोसा जताया और सबसे अधिक मत दिए। जबकि यहां भी दूसरे नंबर पर अली हुसैन को मत मिले। वार्ड दो व छह के कुछ मतदाताओं ने भी अली हुसैन पर भरोसा जताया।

पिछले चुनाव में कांग्रेस दूसरे व अली रहे थे तीसरे

वर्ष 2013 में हुए चुनाव में भी नगर पंचायत कालाढूंगी में भगवा लहराया था। भाजपा के सिंबल से पिछली बार भी पुष्कर कत्यूरा व कांग्रेस से दीप चंद सती चुनाव लड़े थे। अली हुसैन पिछले चुनाव में निर्दलीय के रूप में मैदान में थे। उस चुनाव में भाजपा पहले, कांग्रेस दूसरे व अली हुसैन तीसरे स्थान पर रहे थे।

भाजपा ने दो को दिए सिंबल, एक जीती

भाजपा ने वार्ड सदस्यों के दो प्रत्याशियों को सिंबल पर चुनाव लड़ाया था। वार्ड नंबर एक से भाजपा की सुनीता जोशी व वार्ड नंबर सात से दिनेश को लड़ाया था। सुनीता ने जीत दर्ज कर भाजपा का परचम लहराया, जबकि वार्ड नंबर सात में भाजपा तीसरे स्थान पर रही।

दिनभर साथ बैठकर परिणाम देखते रहे प्रत्याशी

निकाय चुनाव का बिगुल बजने से लेकर मतदान तक एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने वाले भाजपा-कांग्रेस समेत निर्दलीय प्रत्याशी मतगणना स्थल पर दिनभर साथ नजर आए। पुष्कर कत्यूरा, दीप चंद्र सती, अली हुसैन व शहीद अहमद साथ गपशप लड़ाने के साथ ही दोपहर का खाना खाने तक साथ थे। दोपहर में फल मंगाकर सभी एक-दूसरे को बांटते रहे। यहां तक कि भाजपा की जीत पर कुछ प्रतिद्वंदियों ने उन्हें गले लगाकर बधाई भी दी।

जनता ने विकास पर जताया भरोसा, अधूरे काम होंगे पूरे : कत्यूरा

नगर पंचायत कालाढूंगी के अध्यक्ष पर निर्वाचित पुष्कर कत्यूरा ने कहा कि जनता ने मेरे पिछले कार्यकाल में किए विकास कार्यों पर भरोसा जताकर पक्ष में मतदान किया। अब अधूरे कामों को पूरा किया जाएगा। पुष्कर ने अपनी जीत का श्रेय कार्यकर्ताओं व क्षेत्रीय जनता को दिया। उन्होंने कहा कि पांच साल पहले गैस वितरण प्रणाली व सफाई व्यवस्था लचर थी। अब सफाई व गैस वितरण व्यवस्था पटरी पर आ चुकी है। क्षेत्र की पेयजल समस्या का समाधान करने के लिए सात करोड़ रुपये स्वीकृत कराए गए हैं। इसकी प्रथम टोकन मनी एक करोड़ रुपये आ चुके हैं। जनता के विश्वास पर वह पूरी तरह खरे उतरकर तेजी से विकास कार्य कराएंगे।


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