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Indira Hridyesh Death : कांग्रेस की दिग्गज नेेता इंदिरा हृदयेश का हार्ट अटैक से न‍िधन, पार्टी मीटिंग में भाग लेने गई थीं दिल्ली

Indira Hridyesh Death उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता डॉ. इंदिरा हृदयेश के निधन की खबर मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है। इंटरनेट मीडिया के मुताबिक आ रही खबरों के अनुसार दिल्ली में हार्ट अटैक आने कारण उनका निधन हो गया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 12:27 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 01:27 PM (IST)
Indira Hridyesh Death :  कांग्रेस की दिग्गज नेेता इंदिरा हृदयेश का हार्ट अटैक से न‍िधन, पार्टी मीटिंग में भाग लेने गई थीं दिल्ली
Indira Hridyesh Death: इंटरनेट मीडिया में इंदिरा हृदयेश के निधन की खबर वायरल, नैनीताल विधायक ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

नैनताल, जागरण संवाददाता : Indira Hridyesh Death: नैनताल, जागरण संवाददाता : उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता डॉ. इंदिरा हृदयेश का रविवार को दिल्ली में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के उत्तराखंड भवन में अंतिम सांसें लीं। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में हार्ट अटैक आने कारण उनका निधन हो गया। दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की बैठक में भाग लेने के लिए वह शनिवार को राजधानी पहुंची थीं। उत्तराखंड भवन के कमरा नंबर 303 में उनकी हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई। उनके शव को उत्तराखंड लाने की की तैयारी हो रही है।

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बता दें कि कुछ महीन पहले ही नेता प्रतिपक्ष कोरोना संक्रमित हुई थीं और उससे उबर कर फिर से सक्रिय हुई थीं। उनके निधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय ने ट्वीट शोक जताते हुए उत्तराखंड के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। नेता प्रतिपक्ष के निधन से इंटरनेट मीडिया पर शोक की लहर फैल गई है। नैनीताल से भाजपा विधायक संजीव आर्य ने भी ट्वीट कर शाेक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

इंदिरा ह्रदयेश का राजनीतिक जीवन

इंदिरा ह्रदयेश पहली बार 1974 में अविभाजित उत्तर पद्रेश में विधान परिषद के लिए चुनी गईं। इसके बाद 1986, 1992 और 1998 में भी उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनी गईं और कार्यकाल पूरा किया। उत्तराखंड राज्य अलग बनने के बाद 2000 और 2002 में उत्तराखंड विधान सभा में सदस्य अंतरिम रहीं अैर नेता प्रतिपक्ष का दायित्व भी निभाया। 2002 में पहली बार विधान सभा चुनाव लड़ी और कांग्रेस की सरकार बनने पर लोक निर्माण, संसदीय मामलों की कैबिनेट मंत्री,राज्य संपत्ति, सूचना, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी निभाई। 2012 में दूसरी बार विधानसभा जीतकर उत्तराखंड विधान सभा पहुंची और वित्त, वाणिज्यिक कर, टिकट और पंजीकरण के लिए कैबिनेट मंत्री का मंत्रालय संभालने के अलावा अन्य जिम्मेदारियां निभाईं। 2017 में भी विधानसभा जीतकर नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभा रही थीं।

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