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जल जीवन मिशन के कारण बढ़े डिमांड से कंपनियों ने बढ़ा दिए पाइपों के दाम

जल जीवन मिशन के कामों के राज्यभर में शुरू होने के साथ ही पाइप बनाने वाली कंपनियों के पास अचानक डिमांड बढ़ गयी है। पाइपों की डिमांड पूरी करने में कंपनियां हांफने लगी है। वहीं तेजी से डिमांड लगातार बढऩे से कंपनियों ने पाइप के दाम भी बढ़ा दिए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 08:05 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 08:05 AM (IST)
जल जीवन मिशन के कारण बढ़े डिमांड से कंपनियों ने बढ़ा दिए पाइपों के दाम
जल जीवन मिशन के कारण बढ़े डिमांड से कंपनियों ने बढ़ा दिए पाइपों के दाम

हल्द्वानी, जेएनएन : जल जीवन मिशन के कामों के राज्यभर में शुरू होने के साथ ही पाइप बनाने वाली कंपनियों के पास अचानक डिमांड बढ़ गयी है। पाइपों की डिमांड पूरी करने में कंपनियां हांफने लगी है। वहीं तेजी से डिमांड लगातार बढऩे से कंपनियों ने पाइप के दाम भी बढ़ा दिए हैं। आधा इंच से लेकर दो इंच तक के पाइपों की कीमत में महीने भर में 30 से 50 रुपये प्रति पाइप उछाल ला गया है।

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राज्य भर में जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है। जलसंस्थान व जल निगम के डिवीजन लगातार टेंडर आमंत्रित कर गांवों में पेयजल लाइनें बिछवा रहे हैं। अकेले नैनीताल जिले में 1013 गांवों में इस वित्तीय वर्ष तक पेयजल लाइन बिछाकर हर घर में नल पहुंचाने का लक्ष्य हैं। वहीं हल्द्वानी से कुमाऊं भर में पाइप की सप्लाई की जाती है। पिछले दो माह में हर ओर से पाइपों की डिमांड थोक विक्रेताओं के पास पहुंच रही है।

अचानक डिमांड बढऩे से इसे पूरा करने में डीलर के साथ कंपनियों के भी हाथ-पांव फूल रहे हैं। पाइप के थोक विक्रेताओं के मुताबिक आधा से दो इंच तक के पाइपों की डिमांड कंपनी से ही पूरी नहीं हो पा रही है। वहीं डिमांड बढऩे से पाइपों के दाम भी बढऩे लगे हैं। पिछले एक माह के भीतर हर कंपनी ने अपने दाम 30 से 50 रुपये पाइप तक बढ़ा दिए हैं। इसके बावजूद कंपनी डिमांड पूरी नहीं कर पा रही है।

दिसंबर में और दाम बढऩे से आसार

सेनेटरी कारोबारियों के मुताबिक कंपनियां रोजाना पाइपों के दाम बढ़ा रही है। एक दिसंबर से कंपनियों के पाइप के दाम और बढ़ाने के आसार हैं। उनके मुताबिक 10 से 15 फीसद तक पाइप के दामों में वृद्धि हो सकती है।

ठेकेदारों की बढ़ गयी लागत

ठेकेदारों ने बताया कि उन्होंने जिस समय टेंडर लिए थे, उस समय पाइप के दाम काफी कम थे। डिमांड बढऩे से अचानक पाइप के दामों बेतहाशा वृद्धि हो गयी है। इसके बावजूद पाइप उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। पाइपों के दाम बढऩे से उनकी योजनाओं की लागत काफी बढ़ गयी थी। जबकि उन्होंने टेंडर लेते समय पुरानी दरों को ही ध्यान में रखकर दाम भरे थे।


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