चीन सीमा तक संचार तंत्र हुआ मजबूत, दारमा घाटी के अंतिम गांव सीपू में बजने लगे फोन
चीन सीमा से सटे दारमा घाटी के भारतीय गांवों में वी सेट के माध्यम से संचार सेवा शुरू हो चुकी है। दारमा के बाद अब व्यास घाटी में भी संचार सेवा प्रारंभ होने वाली है। इस समय अभियंता दारमा घाटी में वी सेट लगा रहे हैं।
धारचूला (पिथौरागढ़) संवाद सूत्र : चीन सीमा से सटे दारमा घाटी के भारतीय गांवों में वी सेट के माध्यम से संचार सेवा शुरू हो चुकी है। दारमा के बाद अब व्यास घाटी में भी संचार सेवा प्रारंभ होने वाली है। इस समय अभियंता दारमा घाटी में वी सेट लगा रहे हैं।
भारत सरकार की योजना के तहत बीबीएनएल कंपनी चीन सीमा से लगे गांवों में वी सेट लगा रही है। सीमा छोर के 36 गांवों में वी सेट के माध्यम से संचार सेवा शुरू की जा रही है। प्रथम चरण में दारमा घाटी में बोगलिंग, सेला, चल, नागलिंग, बालिंग, दुग्तू, दांतू, गो, बोन, फिलम, तिदांग, मारछा, सीपू गांवों में वी सेट लग रहे हैं।
अंतिम भारतीय गांव सीपू, दांतू, बालिंग में वी सेट लग चुके हैं। दूसरे चरण में व्यास घाटी में सात गांवों बुदी, गब्र्यांग, नपलच्यु, गुंजी, नाबी, रोगकोंग, कुटी में भी वी सेट से ही संचार सेवा उपलब्ध होगी। धारचूला तहसील के ही चौदास घाटी के तीन गांवों धारपांगू, बुंगबुंग (सिमखोला) और जिप्ती में वी सेट लगेंगे। मुनस्यारी के एक दर्जन गांव बुर्फ, ढिमढिमिया, नामिक, रिंगुनिया, टांगा, चुलकोट, पातो और ढुनामानी गांवों में वी सेट लगेंगे।
धारचूला और मुनस्यारी के चीन सीमा से लगे इन गांवों में अभी तक संचार की कोई सुविधा नहीं थी। यहां के लोगों को किसी तरह की आपदा की सूचना देने के लिए भी मुश्किल आती थी। वी सेट लगने के बाद जहां लोगों को बातचीत की सुविधा मिलेगी वहीं वाईफाई के माध्यम से वीडियो कालिंग और वाट्सएप भी चला सकेंगे।
अंतिम गांव सीपू में वी सेट लगने पर ग्राम प्रधान शांति देवी ने कहा है कि संचार सेवा मिल चुकी है और अब गांव तक सड़क की दरकार है। ग्राम प्रधान दांतू जमन सिंह दताल ने बताया कि माइग्रेशन के दौरान अब ग्रामीण गांव से ही अपनी कुशल क्षेम स्वजनों को भेजने के अलावा बाहर रहने वाले अपने नाते, रिश्तेदारों से बात कर सकेंगे ।
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