पर्वतीय जिलों में बढ़ते बाल विवाह के मामलों को लेकर आयोग ने जिलाधिकारियों से मांगा ब्यौरा
पहाड़ी जिलों में बढ़ते बाल विवाह के मामलों पर राज्य महिला आयोग ने संख्त रुख अपनाया है। उन्होंने जिलाधिकारियों को पत्र भेज अब तक बाल विवाह संबंधित प्रकरणों का विवरण मांग अब तक की गई कार्रवाई का भी विवरण मांगा है।
बागेश्वर, जागरण संवादददाता : पहाड़ी जिलों में बढ़ते बाल विवाह के मामलों पर राज्य महिला आयोग ने संख्त रुख अपनाया है। उन्होंने जिलाधिकारियों को पत्र भेज अब तक बाल विवाह संबंधित प्रकरणों का विवरण मांग, अब तक की गई कार्रवाई का भी विवरण मांगा है।
बीते दिनों चमोली में बाल विवाह और उसके साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार का प्रकरण आने के बाद राज्य महिला आयोग भी सख्त हो गया है। उन्होंने उन जिलों से बाल विवाह संबंधी प्रकरणों के विस्तृत विवरण मांगे है। जहां पर लगातार ऐसे मामले आ रहे है। बागेश्वर जिले में भी अब तक 9 से अधिक मामले सामने आए है। यह वह मामले है जो प्रशासन व पुलिस के संज्ञान में है। वहीं ऐसे कई मामले तो संज्ञान में आते ही नही।
राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने सख्त रुख अपनाते हुए इसे पहाड़ों के लिए चिंता का विषय बताया है । उन्होंने प्रदेश के चार जिलों चमोली,चंपावत,पिथौरागढ़, बागेश्वर के जिलाधिकारियों को आदेश दिए की समस्त राजस्व क्षेत्राधिकारियों के माध्यम से सभी ग्राम सभाओं में विगत वर्ष 2019 से 2021 तक हुई समस्त बालिकाओं की शादी का विवरण जुटाए। उनके जन्म प्रमाण पत्र से उनकी वर्तमान आयु की सूची तैयार की जाए। यदि कोई प्रकरण बाल विवाह का इस सर्वे में सामने आता है तो परिवारों का सम्पूर्ण विवरण जुटाया जाए।
वर्तमान वर्ष ग्रामसभाओं में होने वाली शादियों में संबंधित उपजिलाधिकारियों को सचेत रहने के लिए भी आदेशित किया गया है। उन्होंने कहा कि डीएम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और बाल विकास विभाग के समस्त पदाधिकारियों की भूमिका इस सर्वे में सुनिश्चित करें। राज्य महिला आयोग उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने बताया कि विषय की गंभीरता को समझते हुए जांच हेतु त्वरित कार्यवाही करने के आदेश दिए गए हैं। इस संबंध में किसी प्रकार की लापरवाही पाई गई तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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