Yog wtih Dainik Jagran : जागरण के संग सीखिए योग की बारीकियां, जानिए जीवन की विशेषताओं का योगमंत्र
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर दैनिक जागरण ने जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से योग शिविर का ऑनलाइन आयोजन किया है। आयुष योग केंद्र की योग प्रशिक्षक पाला मेहता आपको न केवल योग की बारीकियां सिखाएंगी बल्कि योग अभ्यास से सात विशेषताओं को विकसित करने का भी मंत्र बताएंगी।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : तन, मन व बुद्धि के शुद्धिकरण के लिए जरूरी है बूस्टर। यह बूस्टर है योग। अगर कुशल योग प्रशिक्षक के नेतृत्व में नियमित योग करने का संकल्प लिया जाए तो जीवन खिल उठेगा। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर दैनिक जागरण ने जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से योग शिविर का ऑनलाइन आयोजन किया है। आप 21 जून को सुबह सात से आठ बजे ऑनलाइन शिविर में शामिल हो सकते हैं। आयुष योग केंद्र की योग प्रशिक्षक पाला मेहता आपको न केवल योग की बारीकियां सिखाएंगी, बल्कि योग अभ्यास से सात विशेषताओं को विकसित करने का भी मंत्र बताएंगी।
योग विशेषज्ञ पाला बताती हैं, हमें जीवन में शुद्धीकरण, दृढ़ता, स्थिरता, धैर्य, मन का हल्कापन, साक्षी भाव व अनासक्त भाव को जगाने की जरूरत है। इन सात विशेषताओं को हम योग के जरिये हासिल कर सकते हैं। दैनिक जागरण व आयुष योग केंद्र के 21 जून को होने वाले ऑनलाइन शिविर में इन सात विशेषताओं को जीवन में उतारने के लिए अलग-अलग आसानों का अभ्यास कराया जाएगा। इस योग शिविर का यह अभ्यास विशेष होगा। इसलिए सभी से अपील है कि शिविर में शामिल होकर योग का बूस्टर अवश्य लगाएं।
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भारतीय सभ्यता की पहचान है योग-भूषण
हल्द्वानी : पदमश्री भारत भूषण ने कहा कि योग का प्रचार प्रसार विश्वविद्यालय से ही होना चाहिए। उन्होंने योग विषय के प्रचार प्रसार और योग शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की सराहना की और कहा, आज हम पश्चिमी संस्कृति की ओर बढ़ रहे हैं। जबकि योग भारत की सभ्यता संस्कृति की एक पहचान है। योग जोड़ता है, यह हमें परमात्मा से मिलाता है।
उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग, स्वास्थ्य विज्ञान विद्याशाखा की ओर से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व दिवस पर आयोजित बेबिनार योग विशेषज्ञ प्रो. जीडी शर्मा ने कहा कि योग कर्म है, यह करने की प्रक्रिया है बोलने की नहीं। योग का लाभ वही उठा सकता है जो आलस्य, अहंकार से परे है। मुख्य अतिथि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि योग साधना है। यह नित्य नियम से साधना के साथ सम्पन्न होने वाली प्रक्रिया है। यह एक अभ्यास है जितना अधिक कोई योग का अभ्यास करेगा, चित वृत्तियों से दूर रहेगा। अध्यक्षता स्वास्थ्य विद्याशाखा के निदेशक प्रो. आरसी मिश्र ने किया। संचालन उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के योग विभाग के सन्यवयक डा. भानु जोशी ने किया। वेबिनार में लगभग 240 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
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