इस बार कड़ाके की ठंड झेलने को तैयार रहिए
जासं हल्द्वानी अक्टूबर माह के अंत में भले रात गुलाबी ठंड का अहसास करा रही है लेकिन नवंबर में ठंड के तेवर काफी तीखे होने के संकेत हैं।
जासं, हल्द्वानी : अक्टूबर माह के अंत में भले रात गुलाबी ठंड का अहसास करा रही है, लेकिन नवंबर में ठंड के तेवर काफी तीखे होने के संकेत हैं। प्रशांत महासागर में ला नीना का प्रभाव दिखने लगा है। इसके असर से नवंबर से जनवरी के दौरान कुमाऊं में जबरदस्त ठंड पड़ेगी।
जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह ने बताया कि ला नीना धीरे-धीरे मजबूत हो रहा है। इसके असर से ठंड के मौसम के लिए अनुकूल पश्चिमी विक्षोभ के आने की संख्या बढ़ेगी। पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता भी अधिक हो सकती है। इससे नवंबर से जनवरी के मध्य उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात के साथ जबरदस्त बर्फबारी होगी। पहाड़ों पर बर्फ जमने से सर्द उत्तरी हवा ठंड में वृद्धि करेगी। पिछले सप्ताह पिथौरागढ़ जिले की ऊंचाई वाली चोटियों पर एक दौर की बर्फबारी हो चुकी है। 24 घंटे में चार डिग्री लुढका तापमान
कुमाऊं में तापमान तेजी से गिर रहा है। पिछले एक सप्ताह में तराई का तापमान सात डिग्री तक कम हो गया है। मंगलवार को हल्द्वानी का न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री व पंतनगर का 11.1 डिग्री रहा। बीते 24 घंटे में मुक्तेश्वर के तापमान में दो डिग्री, अल्मोड़ा में चार डिग्री, पिथौरागढ़ में 1.2 डिग्री, चम्पावत में 3.5 डिग्री की कमी आई है। सोमवार को तो पंतनगर का न्यूनतम तापमान मुक्तेश्वर से कम रिकार्ड किया गया। क्या है ला नीना और अल नीनो
ला नीना व अल नीनो समुद्री प्रक्रिया है। लानीना के तहत समुद्र में पानी ठंडा होना शुरू हो जाता है। समुद्री पानी पहले से ही ठंडा होता है, लेकिन इसके कारण उसमें ठंडक बढ़ती है जिसका असर हवाओं पर पड़ता है। जबकि, अल नीनो में समुद्र का पानी गरम होता है और उसके प्रभाव से गर्म हवाएं चलती हैं। मंगलवार को कहां कितना रहा न्यूनतम पारा
मुक्तेश्वर 7.9
पंतनगर 11.1
अल्मोड़ा 5.8
पिथौरागढ़ 7.8
नैनीताल 11.0
चम्पावत 4.5
हल्द्वानी 9.8 उत्तर-पश्चिम से सूखी, ठंडी हवा आ रही है। ला नीना भी मजबूत हो रहा है। दोनों के प्रभाव से तापमान में तेजी से गिरावट आई है। ला नीना के असर से इस बार कड़ाके की ठंड देखने को मिलेगी।
-डा. आरके सिंह, मौसम विज्ञानी जीबी पंत कृषि विवि पंतनगर