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Uttarakhand Chunav 2022 : कम समय में सीएम धामी ने किया धमाल, खटीमा से ही लड़ेंगे चुनाव

Uttarakhand Vidhan Sabha Chunav 2022 1990 में राजनीति में प्रवेश करने के बाद 2012 में पहली बार खटीमा विधानसभा से विधायक चुने गए। दूसरी विधानसभा की पारी में सीधे सीएम की कुर्सी पर बैठने वाले पुष्कर सिंह धामी खटीमा राजनीति इतिहास में पहले युवा मुख्यमंत्री बने हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 11:58 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 11:58 PM (IST)
Uttarakhand Chunav 2022 : कम समय में सीएम धामी ने किया धमाल, खटीमा से ही लड़ेंगे चुनाव
खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनते ही यहां के सारे समीकरण बदल गए।

संवाद सहयोगी, खटीमा : यूं तो हर विधानसभा पर टिकट के लिए होने वाली दावेदारी की लिस्ट में तीन-तीन नामों का पैनल गया है। पर छह महीने पहले वीवीआइपी सीट बनी खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनते ही यहां के सारे समीकरण बदल गए।

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पहली बार विधायक और दूसरी बार के कार्यकाल में अंत के छह महीने सीधे मुख्यमंत्री के रूप में मिलने से पुष्कर सिंह धामी ने जिस तरह प्रदेश की राजनीति में सियासी पारी खेली है, उससे खटीमा विधानसभा क्षेत्र में अन्य दूसरे का नाम पैनल तक नहीं पहुंच पाया। वहीं प्रदेश भर में जिसके चेहरे पर चुनाव लड़ा जाना है ऐसे में पुष्कर सिंह धामी का टिकट स्वत: ही फानइल माना जा रहा था। 1990 में राजनीति में प्रवेश करने के बाद 2012 में पहली बार खटीमा विधानसभा से विधायक चुने गए। दूसरी विधानसभा की पारी में सीधे सीएम की कुर्सी पर बैठने वाले पुष्कर सिंह धामी खटीमा राजनीति इतिहास में पहले युवा मुख्यमंत्री बने हैं।

पांच वर्ष के कार्यकाल दो मुख्यमंत्री बदलने के बाद तीसरे चेहरे के रूप में पुष्कर सिंह धामी के रूप में बैठाया गया। उससे पहले पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा के केवल विधायक थे। धामी का मुख्यमंत्री के पद पर एकाएक नाम का आगे आना राजनीतिक पंडि़तों को तो चौंका ही दिया। सरकार के सिर्फ छाह माह के कार्यकाल के बचे थे। बावजूद धामी ने हाईकमान के आदेश को स्वीकार किया। मुख्यमंत्री पद पर चार जुलाई 2021 को संभालने के बाद उन्होंने जिस तरीके से संगठन और सत्ता के बीच अपनी प्रशासनिक दक्षता का परिचय दिया और हर मुद्दे को छूने का प्रयास किया जो इस प्रदेश में लंबे समय से हर किसी के लिए प्रमुख बने हुए थे। इससे भाजपा की रणनीति का एवं केंद्रीय नेतृत्व को यह विश्वास हो गया ये चुनाव पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लड़ा जा सकता है।

यही वजह रही कि पिछले कई दौरों पर यहां आ चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक ने उनकी पीठ थपथपाते हुए यहां तक कह दिया कि अब इसमें कोई संदेह नहीं कि सरकार रिपीड होगी और पुष्कर सिंह धामी अगले मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा के शीर्ष नेतृत्वों के इस बयानों से खटीमा भाजपा के इतिहास में दावेदारों की रहने वाली लंबी सूची का भी अंत हो गया।

खटीमा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में एक ही नाम एक ही चेहरा और छह महीने के भीतर उपेक्षित सीमांत का शुरू हुआ कायाकल्प बस यही सबकी जुवांन पर है इसी के बूते धामी ने टिकट भी पाया है और उन्हें भरोसा है गत वर्ष से रिकार्ड मतों से जीतकर सरकार भी बनाएंगे।

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