जनभागीदारी से दूर होगी जलवायु परिर्वतन समस्या: पांडे
जागरण संवाददाता, नैनीताल: आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज व इंस्टीटयूट ऑफ फौरेस्ट मैनेजमे
जागरण संवाददाता, नैनीताल: आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज व इंस्टीटयूट ऑफ फौरेस्ट मैनेजमेंट भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में जलवायु परिवर्तन पर आधारित प्रशिक्षण कार्यशाला का शनिवार को समापन हो गया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निदेशक डॉ. अनिल कुमार पांडे ने कहा कि जलवायु परिवर्तन भविष्य के लिए गंभीर समस्या है। इससे निबटने के लिए आमजन की भागीदारी बेहद आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इसमें दोराय नहीं कि जलवायु परिवर्तन को लेकर विश्व में शोध कार्य बेहद गहराई के साथ हो रहे हैं। शोध परिणामों की जानकारी आमजन तक पहुंचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पांच दिन चली इस कार्यशाला में देश के अनेक संस्थानों के वैज्ञानिकों के व्याख्यानों से पता चलता है कि जलवायु परिर्वतन को लेकर वैज्ञानिक चिंचित हैं। दून विश्वविद्यालय के डॉ. विजय श्रीधर ने कहा कि वातावरण में जमा हो रहा कार्बन एक बड़ी समस्या के रूप में उभर कर सामने आ रहा हैं, जो कृषि के साथ-साथ ग्लेशियरों को भी नुकसान पहुंचा रहा है। जो एक चिंता का विषय है। इसे रोकने के लिए कार्बन की मात्रा में कमी लाना आवश्यक है। इसके लिए सभी का जागरूक होना जरूरी है। डॉ. नरेंद्र सिंह ने राज्य में बादल फटने की घटनाओं पर प्रकाश डाला और कारणों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर बाहर आए वैज्ञानिकों को डॉ. अनिल कुमार पांडे ने वैज्ञानिकों को प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ. उमेश चंद्र दुम्का, डॉ. बीके उपाध्याय, डॉ.शांति कुमार, डॉ. विनय कुमार, रविंद्र यादव, हरीश तिवारी समेत विभिन्न अनुसंधान केंद्रो के वैज्ञानिक व एरीज के कर्मचारी मौजूद थे।