स्कूली बसों में बिना वर्दी के मिले चालक, सहायक तक नहीं
मासूम के साथ घिनौनी हरकत का पता चलने के दो दिन बाद शुक्रवार को सिटी मजिस्ट्रेट और एआरटीओ ने स्कूल बसों का निरीक्षण किया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : मासूम के साथ घिनौनी हरकत का पता चलने के दो दिन बाद शुक्रवार को जिम्मेदार भी जाग उठे। प्रशासन व परिवहन विभाग द्वारा संयुक्त तौर पर स्कूली बस-वैन की चेकिंग की गई तो निजी स्कूलों की पोल खोल पड़ी। गाड़ी में फस्टएड सुविधा और सहायक तक नहीं दिखा। चालक भी बगैर वर्दी के स्टेय¨रग पर बैठे थे।
गौलापार की बच्ची के साथ चालक-परिचालक द्वारा स्कूल वैन के अंदर ही अश्लील हरकते की जाती थी। इस घटना ने स्कूल की जिम्मेदारी व बच्चों की सुरक्षा पर सीधा सवाल खड़ा किया है। शुक्रवार सुबह एसडीएम एपी वाजपेयी, सिटी मजिस्ट्रेट पंकज उपाध्याय, एआरटीओ डॉ. गुरुदेव सिंह व एआरटीओ रामनगर सड़कों पर उतरे। कालाढूंगी व नैनीताल रोड से गुजरने वाली स्कूल बस व वैन को रोककर अंदर का हाल देखा गया। इस दौरान 11 स्कूल वाहनों का चालान किया गया। चालक का यूनिफार्म में न होना, बच्चों को उतारने-चढ़ाने के लिए सहायक की गैर मौजूदगी, टैक्स में देरी, लाइसेंस आदि धाराओं में यह चालान काटे गए। कुल 31 वाहनों के चालान किए गए। जिसमें सात वाहन सीज भी हुए। टीम में देव सिंह, सूर्य प्रकाश, देवेंद्र बिष्ट, गोविंद फत्र्याल शामिल रहे। यह होना चाहिए स्कूल बसों में - किसी भी स्कूल वैन, आटो रिक्शा और बस का ड्राइवर अपने कागजात पूरे रखे।
- ड्राइवर के साथ एक हेल्पर यूनिफार्म में होना चाहिए।
- सभी वाहनों में मेडिकल किट (फर्स्ट एड बाक्स) होनी चाहिए।
- हर स्कूल वैन, आटो रिक्शा और बस का रंग पीला होना चाहिए। इसमें सफेद रंग की पट्टी होनी चाहिए।
- स्कूली वाहन के बाहर स्कूल का नाम, प्रिंसिपल का नाम, ड्राइवर का नाम और मोबाइल फोन नंबर लिखा होना चाहिए।
- किसी भी स्कूली वाहन में म्यूजिक सिस्टम नहीं होना चाहिए।
- स्कूली वाहन में जरूरत से ज्यादा बच्चों को न बिठाया जाए।
- वाहन के बोनेट पर बच्चों को न बिठाया जाए।