प्रदेश के सुदूर जनपदों में खोले जाएंगे चाइल्ड वैलनेस कम्युनिटी सेंटर
बाल आयोग अध्यक्षा की मानें तो अब जल्द ही कुमाऊं मंडल के सुदूर जनपदों में सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वैलनेस कम्युनिटी) सेंटर खोले जाएंगे। दूरस्थ क्षेत्रों में एक ही नहीं बल्कि दो कम्युनिटी सेंटर खोलने की योजना तैयार की जा रही है।
गरमपानी, जेएनएन : शहरों व महानगरों में बाल आयोग की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद काफी हद तक बाल श्रम पर रोक व नौनिहालों को उनके अधिकार दिलाए जाने के बाद अब बाल आयोग ने कुमाऊं मंडल की ओर कदम बढ़ा लिए है। बाल आयोग अध्यक्षा की मानें तो अब जल्द ही कुमाऊं मंडल के सुदूर जनपदों में सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वैलनेस कम्युनिटी) सेंटर खोले जाएंगे। दूरस्थ क्षेत्रों में एक ही नहीं बल्कि दो कम्युनिटी सेंटर खोलने की योजना तैयार की जा रही है।
महानगरों व शहरों में बच्चों को उनके अधिकार दिलाने तथा बाल श्रम पर शिकंजा कसे जाने के बाद बाल आयोग अब पर्वतीय क्षेत्रों को कदम बढ़ाने की योजना तैयार कर ली है। बकायदा प्रस्ताव शासन को भी भेजा जा चुका है। सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड कम्युनिटी सेंटर) बाल श्रम व नौनिहालों के उत्पीड़न पर नजर रखेगी साथ ही देहरादून स्थित आयोग के मुख्यालय को मामले की जानकारी देगी ताकि ऐसे लोगों पर उचित कार्रवाई की जा सके। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, मुनस्यारी, नैनीताल आदि सुदूर जनपदों में सीडब्ल्यूसी के कार्यालय खोले जाने की ओर कदम बढ़ाए जा चुके हैं ।
महानगरों की तर्ज पर अब सुदूर क्षेत्रों में भी निगरानी के लिए सीडब्ल्यूसी कार्यालय खोले जाने के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है। बकायदा समितियों का गठन भी किया जाएगा। सीडब्ल्यूसी के सुदूर जनपदों में सीडब्ल्यूसी के एक नहीं बल्कि दो कार्यालय खोले जाने की भी योजना है। कार्यालय खोले जाने के बाद सीडब्ल्यूसी के सदस्यों का चयन भी होगा। बाल आयोग की विशेष समिति की निगरानी में सदस्यों के चयन की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।
बाल संरक्षण आयोग देहरादून की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि आयोग नौनिहालों के हित में हर संभव कदम उठा रहा है। बच्चों के उत्पीड़न को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश के सुदूर जनपदों में सीडब्ल्यूसी के कार्यालय खोले जाने की तैयारी की जा रही है। प्रस्ताव सरकार को भी भेजा जा चुका है।