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एनएच घोटाले में आरोपित प्रिया और सुधीर पर आरोप तय

जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश एंटी करप्शन नरेंद्र दत्त की कोर्ट ने एनएच घोटाला मामले में आरोपित बिल्डर प्रिया शर्मा और सुधीर चावला के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 08:20 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 08:20 PM (IST)
एनएच घोटाले में आरोपित प्रिया और सुधीर पर आरोप तय
एनएच घोटाले में आरोपित प्रिया और सुधीर पर आरोप तय

नैनीताल, जेएनएन : जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश एंटी करप्शन नरेंद्र दत्त की कोर्ट ने एनएच घोटाला मामले में आरोपित बिल्डर प्रिया शर्मा और सुधीर चावला के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। अदालत ने दोनों की मौजूदगी में आरोप तय किए। डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा के अनुसार अब दो मार्च से दोनों आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में अभियोजन साक्ष्य पेश किए जाएंगे। तय आरोपों में साफ कहा है कि आरोपितों द्वारा आपराधिक साजिश रचकर फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज को असली रूप में पेश कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया। एसआइटी की चार्ज शीट ने इस घोटालों की परतें उघेड़ कर रखी हैं।

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आरोप एक

आरोपित प्रिया व सुधीर द्वारा 25 जून 2016 को कुंडा, थाना काशीपुर ऊधमसिंह नगर में एनएच-74 चौड़ीकरण में सरकार से अधिक मुआवजा हासिल करने के लिए राजस्व अधिकारी-कर्मचारी, किसानों, बिचौलियों व दलालों से मिलकर बैकडेट में धरा-143 के आधार पर कृषि भूमि को अकृषि घोषित कर कई गुना अधिक मुआवजा प्राप्त कर सरकार को हानि पहुंचाई गई। मुआवजे से प्राप्त कमीशन की धनराशि को सही दर्शाने के मकसद से गलत इकरारनामे बनाए गए।

आरोप दो

आरोपितों द्वारा जीशान के साथ सौ रुपये के स्टांप पर लिखित इकरारनामा किया गया। फाजलपुर महरौला स्थित खेत नंबर-94 को अभिलेख में दर्शाते हुए 1450 वर्ग मीटर प्लॉट का सौदा जीशान के साथ तीन करोड़ 62 लाख में किया। जिसका डेढ़ करोड़ एडवांस प्राप्त किया। जबकि यह खेत प्रिया शर्मा के नाम पर दर्ज नहीं था। जांच में पता चला कि यह भूमि जगशरन सिंह के नाम दर्ज थी। जिसका मुख्तारेराम गुरुप्रीत सिंह था। प्रिया की कंपनी एलाइड इन्फ्रा एंड आदर्श द्वारा गुरुप्रीत के मध्य एमओयू किया गया, जिसमें गुरुप्रीत के दस्तखत फर्जी व कूटरचित पाए गए।

आरोप तीन

ग्राम कुंडा के किसान अजमेर सिंह, सुखदेव सिंह आदि पांच भाइयों का खसरा आदि की कृषि भूमि को आपराधिक षड्यंत्र कर बैकडेट में परिवर्तित की गई। धारा-143 के तहत कूटरचित दस्तावेजों को बदलकर अकृषि भूमि घोषित करते हुए 23 करोड़ मुआवजा भुगतान कराया और 40 फीसद कमीशन बिचौलिए जीशान के खाते में तथा 21 जून को किसान सुखदेव द्वारा एक करोड़ 35 लाख 57 हजार रुपये, गुरुवेल द्वारा एक करोड़ 35 लाख 57 हजार अपने खाते में हस्तांतरित किए। जीशान द्वारा 24 जून को एलाइड प्लस इन्फ्रा के खाते में 50 लाख आरटीजीएस द्वारा ट्रांसफर किए, शेष धनराशि नगद ली। डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा के अनुसार आरोपितों द्वारा लोक सेवक पर भ्रष्टï साधनों का असर डालने के लिए कमीशन लेकर राजस्व अधिकारियों को दिया गया। अदालत द्वारा धारा-420, 467, 471, 120 बी तथा भ्रष्टïाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए हैं।

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