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चम्पावत की फलक ने जीता कॉमनवेल्थ इंटरनेशनल म्यूजिक कंपोजिशन अवार्ड 2021

फलक नोएडा में कक्षा 11वीं की छात्रा है। प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंटर के छात्रों के लिए विगत दो वर्ष से म्यूजिक कंपोजिशन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। ऑनलाइन हुई इस प्रतियोगिता में फलक सुतेड़ी ने पियानो वादन में अव्वल स्थान प्राप्त किया है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 07:25 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 02:50 PM (IST)
चम्पावत की फलक ने जीता कॉमनवेल्थ इंटरनेशनल म्यूजिक कंपोजिशन अवार्ड 2021
प्रतियोगिता में कॉमनवेल्थ के 54 देशों के लगभग 500 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

संवाद सहयोगी, चम्पावत : चम्पावत की फलक सुतेड़ी ने स्कूल स्तर पर कॉमनवेल्थ इंटरनेशनल म्यूजिक कंपोजिशन अवार्ड जीतकर जनपद का नाम लंदन तक रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि से उनके माता पिता व चम्पावत में रह रहे दादा दादी में काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

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फलक नोएडा में पॉथ वेज इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा 11वीं की छात्रा है। यह स्कूल लंदन बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (आइबी स्कूल) से संबंधित है। फलक पढ़ाई के साथ नोएडा में संचालित म्यूजिक स्कूल ऑफ लंदन में दाखिला लेकर पिछले आठ साल से संगीत का प्रशिक्षण ले रही है। स्कूल द्वारा प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंटर के छात्रों के लिए विगत दो वर्ष से म्यूजिक कंपोजिशन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। ऑनलाइन हुई इस प्रतियोगिता में फलक सुतेड़ी ने पियानो वादन में अव्वल स्थान प्राप्त किया है।

प्रतियोगित का रिजल्ट चार मई को घोषित किया गया। प्रतियोगिता में कॉमनवेल्थ के 54 देशों के लगभग 500 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। फलक ने सभी को पीछे छोड़ म्यूजिक का इंटरनेशनल अवार्ड अपने नाम किया है। आयोजकों की ओर से उन्हें प्रशस्ति पत्र और 50 हजार रुपये का इनाम दिया गया। फलक के पिता सचिन सुतेड़ी दिल्ली में सॉफ्टवेयर बनाने वाली प्रसिद्व आइबीएम इंडिया कंपनी के ब्रांच डायरेक्टर हैं।

फलक की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा भी दिल्ली के स्कूलों में हुई है। उनकी मां चेताली सुतेड़ी ने भी उन्हें आगे बढऩे में महत्वपूर्ण रोल अदा किया है। फलक के दोनों माता पिता यूएस में रह चुके हैं। मां चेताली भी सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत है। उनके के दादा शिक्षाविद डा. बीडी सुतेड़ी सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं, जो अपनी पत्नी जानकी सुतेड़ी के साथ चम्पावत के शांत बाजार में रहते हैं। फलक मूलरूप से लोहाघाट के फोर्ती गांव में रहने वाली है। अब उनके दादा दादी चम्पावत बस गए हैं। लंदन तक चम्पावत का नाम पहुंचाने पर फलक की इस उपलब्धि पर विधायक कैलाश गहतोड़ी, पूरन फत्र्याल, डीएम विनीत तोमर समेत अन्य आला अधिकारियों व नेताओं ने बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

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