पुलिस कस्टडी में मौत मामले में सीबीआई ने दर्ज किया मुकदमा, पीडि़त स्वजनों को अब न्याय की पूरी आस
पुलिस कस्टडी में काशीपुर के युवक की मौत मामले में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पीडि़त स्वजनों को न्याय मिलने की उम्मीद और जग गई है। हालांकि इससे पहले काशीपुर में सीबीआई के एफआईआर दर्ज करने और ना दर्ज करने को लेकर काफी चर्चाएं हो रही थी।
जागरण संवाददाता, काशीपुर : पुलिस कस्टडी में काशीपुर के युवक की मौत मामले में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। ऐसे में पीडि़त स्वजनों को न्याय मिलने की उम्मीद और जग गई है। हालांकि इससे पहले काशीपुर में सीबीआई के एफआईआर दर्ज करने और ना दर्ज करने को लेकर काफी चर्चाएं हो रही थी। मामले को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है जिसके चलते कहा जा रहा था शायद सीबीआई सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद ही एफआईआर दर्ज करेगी, लेकिन यह कयास गलत साबित हुए।
पांच मार्च को कुंडेश्वरी चौकी पुलिस ने गांव के ही एक युवक को बेटी से छेड़छाड़ के आरोप में जेल भेजा था। अगले ही दिन छह मार्च को हल्द्वानी उपकारागार में उसकी मौत हो जाने की सूचना आई। साथ ही खबर आई कि मृतक के शरीर पर चोटों के निशान हैं। आशंका जताई गई कि उसकी मौत पटे व डंडे की पिटाई से हुई है। बीते दिनों मृतक प्रवेश की पत्नी ने अपने अधिवक्ता संजीव कुमार आकाश के माध्यम से हाई कोर्ट उत्तराखंड नैनीताल में सीबीआइ जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की।
हाई कोर्ट ने मामले की सीबीआइ जांच का आदेश दे दिया। साथ ही नैनीताल की एसएसपी, हल्द्वानी के सीओ और आरोपित बंदी रक्षकों का तबादला करने की बात कही। ऐसे में सरकार इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई और एसएलपी दाखिल की। सरकार के सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करने की खबर तीन दिन पहले काशीपुर आई। ऐसे में कानूनी पहलुओं पर चर्चा होने लगी। कानून के जानकारों ने कहा कि अब सीबीआई सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक शायद एफआईआर दर्ज नहीं करेगी।
बीते तीन दिन से इसी को लेकर चर्चा चल रही थी। हालांकि मामले को हाईकोर्ट ले जाने वाले अधिवक्ता संजीव आकाश ने सुप्रीम कोर्ट के एक अधिवक्ता को सरकार की एसएलपी का विरोध करने के लिए तैयार कर लिया है। इसके बाद भी एफआईआर दर्ज होने को लेकर संशय बना हुआ था, लेकिन सोमवार शाम देहरादून से खबर आई कि सीबीआई ने मामले में एफआइआर दर्ज कर ली है। अधिवक्ता संजीव आकाश ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने से न्याय की दूरी एक कदम और कम हुई है। उन्हेंं सीबीआई और न्याय तंत्र से पूरी उम्मीद है कि मामले में इंसाफ होगा।
शरीर पर मिले थे चोट के 10 बड़े निशान
अधिवक्ता संजीव आकाश ने बताया कि मृतक प्रवेश कुमार के शरीर पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार 10 बड़े चोट के निशान मिले थे। उन्होंने कहा कि अभी तक यह सवाल हवा में तैर रहा है कि आखिर मृतक प्रवेश को चोटें कुंडेश्वरी चौकी में आई या उप कारागार हल्द्वानी में। लेकिन अब इस सवाल का जवाब मिलने की पूरी उम्मीद है। उन्होंने बताया कि कई मामलों में देखा गया कि सीबीआई पुलिस की पूरी थ्योरी को रद्द कर देती है और मामले की नए सिरे से जांच करती है। उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की आंच कुंडेश्वरी चौकी पुलिस तक भी पहुंचेगी इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता।