हल्द्वानी पहुंची सीबीआइ टीम, जेल अफसरों व स्टाफ से की पूछताछ
सवा चार साल पहले कैदी की मौत के मामले में सीबीआइ टीम दो दिन से शहर में डेरा डाले हुए है। सीबीआइ अपने साथ चिकित्सक व फारेंसिक एक्सपर्ट को भी लेकर आई है।
हल्द्वानी, जेएनएन। सवा चार साल पहले कैदी की मौत के मामले में सीबीआइ टीम दो दिन से शहर में डेरा डालकर जांच कर रही है। सीबीआइ ने जेल प्रबंधन के साथ ही कई पुराने कैदियों व इस मामले से जुड़े लोगों से भी पूछताछ की। सीबीआइ अपने साथ एक्स के चिकित्सक व फारेंसिक एक्सपर्ट को भी लेकर आई है। खटीमा में रहने वाले वन विभाग के श्रमिक प्रकाश रावत को 21 जुलाई 2014 को एक झगड़े के मामले में गिरफ्तार किया गया था। न्यायालय के आदेश पर उसे हल्द्वानी स्थित उपकारागार भेजा गया।
अगले ही दिन 22 जुलाई को जेल परिसर में गिरने से प्रकाश के सिर पर चोटें आई। उसी दिन उपचार के दौरान अस्पताल में प्रकाश ने दम तोड़ दिया। वहीं प्रकाश की पत्नी ने हाई कोर्ट की शरण लेकर पति की हत्या का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीआइ जांच कराने व मुआवजा दिलाने की फरियाद लगाई। पिछले साल हाईकोर्ट ने कारागार महकमे को पीड़िता को पांच लाख रुपये मुआवजा व प्रकाश की मौत की सीबीआइ जांच कराने के आदेश दिए थे। कारागार महकमा पीड़िता को पांच लाख रुपये मुआवजा दे चुका है, जबकि सीबीआइ लगातार इस मामले की जांच के लिए पहुंच रही है। सूत्रों के मुताबिक प्रकाश की मौत की जांच के लिए सीबीआइ के डिप्टी एसपी के नेतृत्व में एक टीम गुरुवार से हल्द्वानी में डेरा डाले है। हालांकि इस मामले की पूर्व में न्यायिक जांच व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से भी जांच हो चुकी है। दोनों जांच में जेल प्रशासन व पुलिस को क्लीन चिट मिल चुकी है।
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