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गांवों में क्वारंटाइन सेंटर्स के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा मामला, अब अगली सुनवाई कल

गांव में प्रवासियों को क्वारंटाइन करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। बागेश्वर जिले के गरुड़ ब्लॉक के ग्राम प्रधानों की ओर से दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 02:15 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 02:15 PM (IST)
गांवों में क्वारंटाइन सेंटर्स के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा मामला, अब अगली सुनवाई कल
गांवों में क्वारंटाइन सेंटर्स के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा मामला, अब अगली सुनवाई कल

नैनीताल, जेएनएन : गांव में प्रवासियों को क्वारंटाइन करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। बागेश्वर जिले के गरुड़ ब्लॉक के ग्राम प्रधानों की ओर से दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। याचिका में प्रवासियों को जिला व तहसील स्तर पर क्वारंटाइन करने की मांग की गई है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए केस को दूसरे बेंच को रेफर कर दी है। मामले में अगली सुनवाई 29 मई यानी कल होनी है।

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प्रशासन द्वारा प्रवासियों को जिला व तहसील स्तर पर क्वारंटाइन करने की बजाए गांवों में क्वारंटाइन करने के मामले को लेकर दायार याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मामले को न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया व न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खंडपीठ को रेफर कर दिया है। मामले में सुनवाई 29 मई यानी कल शुक्रवार को होनी है।

अधिवक्ता डीके जोशी ने इस सम्बंध में जनहित याचिका दायर की है। जिसमें कहा गया है कि गरुड़ बागेश्वर के ग्राम प्रधानों ने जिलाधिकारी को 20 मई को ज्ञापन दिया था कि प्रदेश में बाहर से आने वाले प्रवासियों को जिला स्तर व तहसील स्तर पर क्वारंटाइन किया जाए और उनकी देखभाल प्रशासन करे। ग्राम प्रधान उनकी सहायता करेंगे। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि अगर प्रशासन ऐसा नहीं करता है तो गरुड़ के समस्त ग्राम प्रधान सामूहिक रूप से स्तीफा देंगे।

इसलिए ग्राम प्रधान कर रहे हैं विरोध

प्रवासियों को क्वारंटाइन करने के गांव के पंचायत भवनों और स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाय गया है। इसके रख-रखाव व देखभाल की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों पर थोप दी गई है। जबकि इसके लिए अब तक अलग से किसी बजट का भी प्रावधान नहीं किया गया है। यही कारण है कि प्रधान इसको लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रवसियों को जिला और तहसील स्तर पर ही क्वारंटाइन किया जाएगा। इसमें ग्राम प्रधानों के संगठन से भी अपेक्षा होगी यथा संभव मदद की जाएगी।

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