उत्तराखंड के भोजन माता प्रकरण में आया अहम मोड़, अब एससी आयोग ने उठाया बड़ा कदम
अब पुलिस ने एससी आयोग के आदेश पर छह नामजद व अन्य अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इन लोगों पर एससी वर्ग की भोजन माता कि खिलाफ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने और अपमानित करने का आरोप है।
जागरण संवाददाता, चम्पावत : उत्तराखंड के चम्पावत जिले के जीआइसी सूखीढांग में भोजन माता विवाद में नित नए मोड़ आते जा रहे हैं। अभी पिछले दिनों दोनों भोजन माता की नियुक्ति में अनियमितता मिली थी। अब पुलिस ने एससी आयोग के आदेश पर छह नामजद व अन्य अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इन लोगों पर एससी वर्ग की भोजन माता कि खिलाफ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने और अपमानित करने का आरोप है। एसपी ने टनकपुर के सीओ अशोककुमार को मामले की जांच सौंपी है।
एससी वर्ग की भोजन माता सुनीता देवी पत्नी प्रेम राम ने कुछ दिनों पूर्व चल्थी पुलिस को तहरीर सौंपी थी। जिसमें सामान्य वर्ग के कुछ लोगों पर खुली बैठक के दौरान सार्वजनिक रूप से उन्हें अपमानित करने और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाया था। सुनीता ने कुछ लोगों पर उसे और परिवार को धमकाने का भी आरोप लगाया है। तहरीर के बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी थी। बीते दिनों एससी आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने टनकपुर में सुनीता देवी और उसके पति पे्रम राम के साथ बैठक कर मामले की जानकारी ली थी। सुनीता देवी ने आयोग के अध्यक्ष से भी सामान्य वर्ग के कुछ लोगों द्वारा धमकाने और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर उन्हें अपमानित करने की शिकायत की थी। आयोग के अध्यक्ष ने डीएम और पुलिस अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
पुलिस ने सुनीता देवी की तहरीर के आधार पर नामजद बीडीसी सदस्य दीपा जोशी, पीटीए अध्यक्ष नरेंद्र जोशी, शंकर दत्त, बबलू गहतोड़ी, महेश और सतीश के खिलाफ एससी एसटी अधिनियम एवं आइपीसी की धारा 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी देवेंद्र पींचा ने मामले की जांच सीओ अशोक कुमार को सौंप दी है। सीओ ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जांच में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।