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भाजपा विधायक को धमकी देने व जातिवादी टिप्पणी करने के मामले में ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा व आरोप पत्र खारिज

हाईकोर्ट ने हरिद्वार जिले के झबरेड़ा के दो ग्रामीणों पंकज चौधरी व मेहकार सिंह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी व आरोप पत्र को खारिज कर दिया है। झबरेड़ा के भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल की ओर से इन पर जातिवादी गालियां देने के साथ ही धमकी देने के आरोप लगाए गए थे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 10:36 AM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 10:36 AM (IST)
भाजपा विधायक को धमकी देने व जातिवादी टिप्पणी करने के मामले में ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा व आरोप पत्र खारिज
भाजपा विधायक को धमकी देने व जातिवादी टिप्पणी करने के मामले में ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा व आरोप पत्र खारिज

जागरण संवाददाता , नैनीताल : हाई कोर्ट ने हरिद्वार जिले के झबरेड़ा के दो ग्रामीणों पंकज चौधरी व मेहकार सिंह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी व आरोप पत्र को खारिज कर दिया है। झबरेड़ा के भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल की ओर से इन पर जातिवादी गालियां देने के साथ ही धमकी देने के आरोप लगाए गए थे।

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शुक्रवार को न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ में ग्रामीणों की याचिका पर सुनवाई हुई। दरअसल 19 मई 2021 को झबरेड़ा निवासी पंकज चौधरी व अन्य के खिलाफ विधायक के निजी सहायक द्वारा झबरेड़ा थाने में आइपीसी की धारा 147, 153 ए, 504 व 506 तथा एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। विधायक कर्णवाल ने आरोप लगाया था कि आरोपितोंं ने जातिवादी शब्दों से संबोधित किया और धमकी दी कि अगर वह वापस गांव आए तो डंडे से पीटा जाएगा।

इस मामले का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया। अदालत ने सात वीडियो देखे और किसी भी वीडियो में जातिवादी गालियां नहीं सुनी गईं। स्थानीय लोगों ने कहा विधायक को डंडे से पीटा जाएगा, यह एक निर्वाचित प्रतिनिधि के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करने का एक तरीका था। अदालत ने कहा शिकायतकर्ता के बयान में कहा गया है कि ग्रामीणों द्वारा जाति के रंग की टिप्पणी का इस्तेमाल किया गया था, ऐसा लगता है कि प्रतिशोध को खत्म करने के लिए किसी उल्टे मकसद से वीडियो बनाया गया है और यह दुर्भावनापूर्ण भी है।

दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए वीडियो सार्वजनिक किया गया लेकिन वीडियो में कोई जातिगत टिप्पणी नहीं है। कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ताओं का पीडि़त विधायक के बीच बातचीत का मकसद अपमान करना नहीं बल्कि शिकायत थी। न्यायालय ने माना याचिकाकर्ताओं द्वारा जाति के रंग की टिप्पणी करना दुर्भावनापूर्ण है।

कर्णवाल के निजी सहायक ने शिकायत की थी कि वह स्थिति का जायजा लेने के लिए गांव गए थे, जब कोविड की दूसरी लहर चल रही थी। मई में झबरेड़ा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोप है कई स्थानीय लोगों ने उनका घेराव किया, जातिवादी गालियों का इस्तेमाल किया और उन्हें धमकी भी दी। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद इस मामले में पंकज चौधरी व अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी व हरिद्वार जिला कोर्ट में दाखिल चार्जशीट को खारिज कर दिया।


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