बिना तामझाम के नैनीताल के गुरुद्वारा पहुंचे थे बूटा सिंह, उस समय राजीव गांधी सरकार में तत्कालीन गृहमंत्री थे
सरदार बूटा सिंह के निधन से कांग्रेस को बड़ा धक्का लगा है। सरदार बूटा सिंह जून 1988 में नैनीताल में निजी दौरे पर आए थे। भारत सरकार के गृह मंत्री होने के बाद भी वह गुरुद्वारे में बिना लावलश्कर के आए और मत्था टेका।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : आठ बार के सांसद व राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल के गृहमंत्री सरदार बूटा सिंह के निधन से कांग्रेस को बड़ा धक्का लगा है। सरदार बूटा सिंह जून 1988 में नैनीताल में निजी दौरे पर आए थे। भारत सरकार के गृह मंत्री होने के बाद भी वह गुरुद्वारे में बिना लावलश्कर के आए और मत्था टेका।
गुरु सिंह सभा नैनीताल के उपाध्यक्ष सरदार नरेंद्र पाल सिंह के अनुसार, सरदार बूटा सिंह सपरिवार नाते-पोतों के साथ नैनीताल आए और राजभवन में ठहरे थे। वह गुरुद्वारा पहुंचे और अरदास की। एक आम श्रद्धालु की तरह वह यहां आए। कोई सरकारी तामझाम नहीं था।
उक्रांद नेता डा. नारायण सिंह जंतवाल ने सरदार बूटा सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि वह राजनीति में शुचिता व ईमानदारी के हमेशा पक्षधर रहे। कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। आज राजनीति में ऐसे लोग बेहद कम हैं। उन्होंने सदैव दलितों व वंचितों की लड़ाई लड़ी और उनके हकों के लिए संघर्ष किया। इधर, गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष सरदार जोगेंदर सिंह, अमरप्रीत सिंह, गगनदीप सिंह, मनप्रीत सिंह, जीत सिंह आनंद, रमनदीप सिंह आदि ने शोक जताया है। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी ट्वीट कर पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सरदार बूटा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कांग्रेस के लिए बड़ा आघात करार दिया है।