Coronavirus Lockdown : केंद्र सरकार के मेगा राहत पैकेज से कारोबार को मिलेगा संबल
उद्योगों को संबल देने के लिए मेगा राहत पैकेज के एलान का कारोबारियों ने स्वागत किया है। सरकार के एलान से उद्योगों को संजीवनी मिलने की उम्मीद है।
हल्द्वानी, जेएनएन : उद्योगों को संबल देने के लिए मेगा राहत पैकेज के एलान का कारोबारियों ने स्वागत किया है। सरकार के एलान से उद्योगों को संजीवनी मिलने की उम्मीद है। हालांकि कारोबारी बैंकों के स्तर से भी सकारात्मक पहल किए जाने की जरूरत बता रहे हैं। कारोबारियों ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के बैंकों को भी ग्राहकों को सुविधा देनी होंगी। वहीं, टैक्स को लेकर हुए एलान का भी असर दिखेगा।
फार्मा कारोबारी सुरेंद्र सिंह बसेड़ा ने बताया कि छोटे कारोबारियों को फंडिंग करने में बैंक आनाकानी करते हैं। सरकार के फैसले से छोटे कारोबारियों को उम्मीद जगी है। इससे उद्योगों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। मनोज डागा, सचिव हिमालयन चैंबर कॉमर्स एवं इंडस्ट्रीज का कहना है कि कुटीर, छोटे व मझोले उद्योगों को पूंजी की उपलब्धता बढ़ेगी। सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि बैंक ग्राहकों को ये सुविधा बिना किसी बाधा के दें। ई मार्केटिंग को बल मिलेगा।
कमल पांडे, ऑटो पाट्र्स कारोबारी ने कहा कि ऑटोमोटिव सेक्टर में काम कर रहे लघु उद्योग के लिए निश्चित ही ये अच्छी पहल है। इससे हमारी जैसी यूनिट टेक्नालाजी को अपग्रेड करने के लिए फंड जुटा जाएंगी। एडवोकेट कमल कोठारी, टैक्स विशेषज्ञ ने बताया कि टीडीएस में 25 फीसद की कटौती करने से हाथ में पैसा ज्यादा आएगा। लोगों में खरीदारी की क्षमता बढ़ेगी। उद्योगों को भी राहत देने की बात कही गई है। इससे बाजार में पैसा आएगा।
सरकार भी राेजगार दिलाने वाले योजनाओं पर कर रही काम
लॉकडाउन के बीच अपने गृह राज्य लौटे प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने की चुनौती प्रदेश सरकार से सामने है। ऋण और सब्सिडी की सुविधा देने वाली ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’ को मंजूरी देने के बाद उत्तराखंड सरकार अब शहरी क्षेत्रों के प्रवासी मजदूरों के वास्ते भी जल्द एक योजना लाने वाली है। पिछले दिनों राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा था कि लॉकडाउन के दौरान अपने घरों में लौटे शहरी क्षेत्रों के मजदूरों के लिये भी राज्य सरकार अगले तीन—चार दिन में एक योजना लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्तावित योजना के तहत इन लोगों का पंजीकरण कराया जाएगा और इसके बाद तीन—चार महीनों का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा जिससे इन्हें रोजगार प्राप्त हो सके।
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