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दूल्‍हा-दूल्‍हन के साथ 35 घंटे से अधिक समय तक बर्फ में फंसी रही जयपुर के बरातियों की बस

पौड़ी गढ़वाल के अंतर्गत बीरोखाल ब्लॉक के सिसई गांव से जयपुर लौट रही बारातियों की बस शुक्रवार दोपहर दो बजे से अभी तक भी दीवा के पास फंसी पड़ी है। बस में सवार दूल्हा-दुल्हन समेत सभी बराती सर्द मौसम में खासे परेशान हैं।

By Edited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 05:48 AM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 11:18 AM (IST)
दूल्‍हा-दूल्‍हन के साथ 35 घंटे से अधिक समय तक बर्फ में फंसी रही जयपुर के बरातियों की बस
दूल्‍हा-दूल्‍हन के साथ 35 घंटे से अधिक समय तक बर्फ में फंसी रही जयपुर के बरातियों की बस

रामनगर, जेएनएन : शादी कर दूल्‍हन को लेकर लौट रहे दूल्‍हे और बरातियों की बस शुक्रवार दोपहर को मौसम खराब होने के कारण फंस गई। प‍हाड़ पर भारी हिमपात होने के कारण रास्‍ते में जमे बर्फ के कारण बस आगे नहीं बढ़ सकी। प्रशासन ने शनिवार शाम को जेसीबी लगाकर रास्‍ता खोलने का प्रयास किया, लेकिन देर रात तक रास्‍ता खोला नहीं जा सका था। नतीजतन 35 घंटे से अधिक समय तक दूल्‍हा-दूल्‍हन के साथ ही बाराती बस में फंसे रहे। सर्द के मौसम में बरातियों को खासी परीेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं देर रात धूमाकोट में एसडीएम प्रशासन की ओर से बरातियों के लिए भोजन का प्रबंध किया गया। बताया जा रहा है कि बरातियाें को तो वहां से भेज दिया गया है लेकिन बस अब भी फंसी है। हालांकि यह बात अभी पुष्‍ट नहीं सकी है।

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हेल्‍प लाइन पर नहीं मिली मदद

12 दिसंबर को जयपुर, राजस्‍थान से कुंदन लाल के पुत्र विक्की की बरात पौड़ी गढ़वाल के बीरोखाल ब्लॉक के सिसई गांव में खुशी राम के घर गई थी। शुक्रवार को बरात विदा हुई। मौसम खराब होने के कारण बस कोठिला गांव से आगे दीवा मार्ग पर बर्फ में फंस गई। बरातियों ने हेल्प लाइन नंबरों पर संपर्क साधना शुरू किया लेकिन कोई मदद नहीं मिल पाई है। बस में सवार राम कुमार, बृजेंद्र सिंह, संजय सिंह ने प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाया। सोशल मीडिया से मामला प्रकाश में आने पर देर शाम जेसीबी और श्रमिकों के जरिए रास्ता साफ किया जा रहा है।

बरात फंसी..भूख-प्यास और ठंड से सारी रात कांपते रहे

बस फंसने और संचार सुविधा न होने के कारण दूल्हा-दुल्हन समेत करीब 50 बराती भूखे-प्यासे पड़े रहे। उन्‍होंने स्‍थानीय प्रशासन की व्यवस्थाओं के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। जहां बस फंसी है, वह गांव रामनगर से करीब 60 किलोमीटर दूर पर स्थित है। बस में सवार लोगों के फोन की बैटरी भी बंद हो गई है। बरातियों ने किसी तरह परिजनों को बर्फ में फंसे होने की जानकारी दी।

अधिकारियों ने कहा, हमारे रीजन में नहीं आता क्षेत्र

रामकुमार, एवं संजय सिंह ने बताया कि कई बार हेल्प लाइन नंबर पर कॉल करने के बावजूद आश्वासन ही मिला। बाद में यह कहकर टाल दिया गया कि यह क्षेत्र हमारे अधिकार में नहीं आता। बरातियों का आरोप है कि वह अपने संपर्क सूत्रों से किसी तरह भोजन का इंतजाम कराने में लगे हैं। सर्द हवा से बचने के लिए इन लोगों के पास रजाई-कंबल भी नहीं। मदद के लिए धूमाकोट और आसपास के लोग प्रयास में जुटे हैं। कदर उपेक्षा से त्रस्त लोगों ने धूमाकोट में पृथ्वीपाल पर्णवाल के नेतृत्व में सरकार का पुतला फूंका। देर रात किसी तरह रामनगर पहुंचे कुछ बराती बस में फंसे अन्य लोगों के लिए भोजन भेजने की व्यवस्था में लगे हैं।

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