जिला दिव्यांग एवं पुर्नवास केंद्र की व्यवस्था सुधारने के लिए जारी रुपया खाते में डंप
बेस अस्पताल में जिला दिव्यांग एवं पुर्नवास केंद्र बदहाली के आंसू बहा रहा है और इसको संजीवनी देने के लिए सरकारी खाते में पड़ा पैसा भी डंप है।
हल्द्वानी, जेएनएन : बेस अस्पताल में जिला दिव्यांग एवं पुर्नवास केंद्र बदहाली के आंसू बहा रहा है और इसको संजीवनी देने के लिए सरकारी खाते में पड़ा पैसा भी डंप है। ऐसे में अब कालाढूंगी रोड पर खाली पड़े हृदय रोग केंद्र में इसे शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है। जिसके लिए डीएम को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। केंद्र संचालकों को उम्मीद है कि आचार संहिता हटने के बाद शायद दिव्यांगों के लिए बेहतर हो सकता है।
खाते में पड़ा है लाखों रुपया
जिला दिव्यांग एवं पुर्नवास केंद्र की व्यवस्था सुधारने के लिए खाते में इस वक्त 26 लाख 19 हजार 99 रुपया सरकारी खाते में पिछली बार का पड़ा हुआ है। यह पैसा दिव्यांग हितों के लिए रखा गया है। उपकरण और अन्य सामग्री के लिए आया था। मगर बिना एसडीएम और संचालक के यह पैसा नहीं निकाला जा सकता।
चुनाव बाद हो सकती पदों पर भर्ती
जिला दिव्यांग एवं पुर्नवास केंद्र में रिक्त पड़े पदों पर चुनाव बाद भर्ती होने की उम्मीद जताई जा रही है। जबकि इस वक्त एक टेक्निशियन के भरोसे केंद्र की देखरेख हो रही है। सुविधाएं न होने के चलते दिव्यांग भी रूख नहीं कर पा रहे हैं।
टेक्नीशियन न होने पर भेजी डिमांड
उपकरण संख्या
ट्राईसाइकिल 15
व्हीलचेयर 20
बैसाखी 12 जोड़ी
छड़ी 20
कान की मशीन 31
कृत्रिम पैर 10
कृत्रिम हाथ 7
कैलीपर्स 1
तीन बार लिखा गया पत्र
केयरटेकर श्याम धानक का कहना है कि तीन बार डीएम और प्रशासन स्तर पर पत्र भेजा जा चुका है। मगर अभी तक कोई जबाव न आने के कारण पैसा खाते में ही पड़ा है जिसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।
मानक के तहत नहीं है केंद्र
बेस अस्पताल के अंदर थोड़ी सी जगह में चल रहे जिला दिव्यांग पुर्नवास केंद्र में दिव्यांगों को बैठाने की जगह भी नहीं है। न तो शौचालय की व्यवस्था है और न ही मशीनों के रखरखाव का इंतजाम और देखरेख को कर्मचारी। ऐसे में इसको खाली पड़े हदय रोग केंद्र में शिफ्ट करने के लिए जोर लगाया जा रहा है।
आचार संहिता के कारण नहीं हो सका कुछ
वीके सुमन, डीएम, हल्द्वानी ने बताया कि हृदय रोग केन्द्र में जिला दिव्यांग एवं पुर्नवास केंद्र को शिफ्ट करने की बात हुई थी। लेटर भी आया था, मगर अभी आचार संहिता के चलते कुछ नहीं हो सकता। चुनाव निपटने के बाद ही कुछ हो सकता है।
यह भी पढ़ें : लक्ष्मी हथिनी का इलाज करने के लिए दक्षिण अफ्रीका से पहुंचे पशु चिकित्सक, जानिए
यह भी पढ़ें : मैथमेटेशियन हरिमोहन ने मैजिक पजल्स में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, जानिए क्या है खास