पूजा की ऐपण कला से प्रभावित हुए नैनीताल में वेब सीरीज की शूटिंग कर रहे बॉलीवुड स्टार रोनित रॉय
कला के लिए प्रेम हो और हाथों में हुनर तो कामयाबी दूर नहीं होती। पूजा के ऐसे ही हुनर को देख सिने अभिनेता रोनित रॉय भी कायल हो गए और पूजा को खुद मिलने बुला लिया। करीब 10 मिनट की ये मुलाकात पूजा के लिए यादगार पल बने!
नैनीताल, नरेश कुमार : कला के लिए प्रेम हो और हाथों में हुनर तो कामयाबी दूर नहीं होती। पूजा के ऐसे ही हुनर को देख सिने अभिनेता रोनित रॉय भी कायल हो गए और पूजा को खुद मिलने बुला लिया। करीब 10 मिनट की ये मुलाकात पूजा के लिए यादगार पल बने तो रोनित रॉय भी पूजा के हुनर की तारीफ किए बिना नहीं रह सके। आखरी में कुमाऊंनी ऐपण उकेरी गई केतली और फोटो फ्रेम उपहार में पाकर उन्होंने खुद के इंटरनेट मीडिया अकाउंट में इनकी तस्वीरे पोस्ट करने की बाते कहीं। जिससे उनके पहचानने वाले भी कुमाउँनी लोककला ऐपण से रूबरू हो सकें।
मूल रूप ओखलकांडा के भीड़ापानी निवासी पूजा पडियार कुमाऊं विश्विद्यालय में बैचलर ऑफ फाइन आर्ट की छात्रा हैं। अपनी मां और दादी को शुभ अवसरों पर देहरी पर ऐपण बनाते देख उन्हें कला की दुनिया मे आने की प्रेरणा मिली। जिसके बाद उन्होंने घर पर तीज त्योहारों पर ऐपण उकेरना शुरू किया। समय बीतने के साथ ही कला प्रेम बढ़ा और हाथों में ऐसा हुनर आ गया कि अब यहीं ऐपण उनकी पहचान बन चुका है। देश ही नहीं विदेश में भी उनके उकेरे ऐपण की मांग होने लगी है।
रोनित रॉय ने मुलाकात करने बुलाया
पूजा बताती हैं कि बीते दिनों उन्हें एक वेब सीरीज की शूटिंग के सिलसिले में सिने अभिनेता रोनित रॉय के नैनीताल में होने की जानकारी मिली। जिस पर उन्होंने रोनित रॉय के इंस्टाग्राम पर मैसेज कर मिलने की इच्छा जाहिर की। रोनित रॉय भी पूजा के अकाउंट में ऐपण उकेरी कलाकृतियों को देख इतना प्रभावित हुए की उन्होंने पूजा को मिलने बुला लिया।
रैमजे अस्पताल में चल रही शूटिंग के दौरान मुलाकात
पूजा ने बताया कि रविवार को उन्होंने रोनित रॉय से रैमजे अस्पताल में चल रही शूटिंग के दौरान मुलाकात की। इस दौरान करीब 10 मिनट तक उन दोनों के बीच ऐपण और उसके काम को लेकर भी काफी बाते हुई। पूजा ने रोनित रॉय को जमीन से जुड़ा और बेहद मिलनसार बताया। जिसके बाद उन्होंने रोनित को ऐपण उकेरी हुई चाय की केतली और फोटो फ्रेम भेंट किया। उपहार पाकर रोनित ने भी उनके उकेरे ऐपण को खुद के इंटरनेट मीडिया अकाउंट में पोस्ट करने की बात कही।
ऐपण को देश विदेश में पहचान दे रही पूजा
पूजा कुमाऊ के पारंपरिक लोक कला ऐपण के संरक्षण का कार्य ही नहीं कर रही, बल्कि वह इसे देश विदेश में प्रसारित भी कर रही है। उन्होंने बताया कि दो साल से वह ऐपण का ऑनलाइन प्रचार प्रसार कर रही है। अब उनके काम को देखते हुए देश के विभिन्न शहरों के साथ ही विदेश से भी उन्हें आर्डर मिलने लगे है। बीते वर्ष उन्हें न्यूयॉर्क से ऑर्डर मिला था। उनका यह हुनर अब स्वरोजगार का जरिया भी बन चुका है।
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